10 lines on madhya pradesh in sanskrit pleas jaldi batayiye
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Explanation:
नमो नम:, कथम् अस्ति? अहम् गच्छामि। त्वम् कुत्र अस्ति?..। देववाणी संस्कृत के ये वाक्य नरसिंहपुर जिले की करेली तहसील के मोहद गांव में हर जगह सुने जा सकते हैं। गांव में आते ही लगता है संस्कृत की खुशबू हवा में फैल रही है। इसी का असर है कि यहां बच्चे, जवान, बुजुर्ग सभी धाराप्रवाह संस्कृत बोलते
Explanation:
जबलपुर। 'नमो नम:, कथम् अस्ति? अहम् गच्छामि। त्वम् कुत्र अस्ति?..। देववाणी संस्कृत के ये वाक्य नरसिंहपुर जिले की करेली तहसील के मोहद गांव में हर जगह सुने जा सकते हैं। गांव में आते ही लगता है संस्कृत की खुशबू हवा में फैल रही है। इसी का असर है कि यहां बच्चे, जवान, बुजुर्ग सभी धाराप्रवाह संस्कृत बोलते हैं।
कर्नाटक के मैटूर गांव का मॉडल
करेली से छह किमी दूर स्थित मोहद गांव की पहचान आम बोलचाल की भाषा में संस्कृत होने से है। इसे संस्कृत गांव बने 20 साल हो गए हैं। मोहद को कर्नाटक के मैटूर संस्कृत गांव की तरह प्रसिद्ध करने का बीड़ा उठाया था यहां के रहवासी भैयाजी उर्फ सुरेन्द्र सिंह चौहान ने। उनके प्रयासों से मोहद को प्रदेश के नक्शे पर अलग पहचान मिली है।
संस्कृत सीखने वाली लड़कियां अधिक
लगभग 6000 की आबादी वाले मोहद में तीन प्राथमिक स्कूल हैं, जहां संस्कृत की कक्षाएं लगती हैं। साथ ही व्याकरण सिखाने से अधिक वार्तालाप पर जोर दिया जाता है। वर्तमान में मोहद में संस्कृत में संभाष्य (वार्तालाप) सीख चुकी लड़कियों की संख्या ज्यादा है।
देश में 5 संस्कृत गांव
भारत में संस्कृत गांव के रूप में 5 गांव विख्यात हैं। इनमें मैटूर और होशल्ली कर्नाटक में हैं। वहीं मोहद, बगुवार और झीरी मध्यप्रदेश में हैं, जबकि एक अन्य गांव सासन उड़ीसा में है।