Hindi, asked by kul178718, 1 month ago

10 lines on Raja Ram Prasad Sitare Hind in Hindi ??​

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Answered by svarabari71
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Answer:

राजा शिवप्रसाद 'सितारेहिन्द' (३ फरवरी १८२४ -- २३ मई १८९५) हिन्दी के उन्नायक एवं साहित्यकार थे। वे शिक्षा-विभाग में कार्यरत थे। उनके प्रयत्नों से स्कूलों में हिन्दी को प्रवेश मिला।[1] उस समय हिन्दी की पाठ्यपुस्तकों का बहुत अभाव था। उन्होंने स्वयं इस दिशा में प्रयत्न किया और दूसरों से भी लिखवाया। आपने 'बनारस अखबार(1845)' नामक एक हिन्दी पत्र निकाला और इसके माध्यम से हिन्दी का प्रचार-प्रसार किया।तथा यह पत्रिका साप्ताहिक थी। इनकी भाषा में फारसी-अरबी के शब्दों का अधिक प्रयोग होता था।

राजा साहब 'आम फहम और खास पसंद' भाषा के पक्षपाती और ब्रिटिश शासन के निष्ठावान् सेवक थे। भारतेंदु हरिश्चंद्र ने इन्हें गुरु मानते हुए भी इसलिए इनका विरोध भी किया था। फिर भी इन्हीं के उद्योग से उस समय परम प्रतिकूल परिस्थितियों में भी शिक्षा विभाग में हिंदी का प्रवेश हो सका। साहित्य, व्याकरण, इतिहास, भूगोल आदि विविध विषयों पर इन्होंने प्राय: ३५ पुस्तकों की रचना की जिनमें इनकी 'सवानेह उमरी' (आत्मकथा), 'राजा भोज का सपना', 'आलसियों का कोड़ा', 'भूगोल हस्तामलक' और 'इतिहासतिमिरनाशक' उल्लेख्य हैं।

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Answered by farzina88
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राम प्रसाद बिस्मिल एक क्रांतिकारी नेता थे जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष के लिए लड़ाई लड़ी थी। वह कांग्रेस पार्टी के चरमपंथी दृष्टिकोण के अनुयायी थे और उन्होंने अंग्रेजों को हराने के लिए उग्रवादी जैसी रणनीति अपनाई। वह मैनपुरी साजिश और काकोरी साजिश जैसे कई षड्यंत्रों में शामिल था जहां कई अंग्रेज मारे गए थे। राम प्रसाद बिस्मिल ने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) नामक एक पार्टी भी शुरू की। राम प्रसाद बिस्मिल न केवल एक स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि हिंदी और उर्दू दोनों के प्रख्यात लेखक भी थे। उन्होंने दोनों भाषाओं में कई कविताएँ और रचनाएँ लिखीं।

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