10 muhavare ka prayog karte huye' Parishram hi safalta Ki Kunji Hai 'Vishya par 150 shabdo Mein Ek anuched
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परिश्रम ही सफलता की कुंजी है
यह कहानी मोहन की है | जिस ने परिश्रम करके एक दिन सब कुछ प्राप्त कर लिया था | मोहन बहुत गरीब परिवार से था | वह पढ़ने में बहुत अच्छा था| परिवार की हालत को देख कर फिर भी मोहन ने बहुत दौड़ धूप की | वह कभी नहीं डरा और न ही हिम्मत भी नहीं छोड़ी| मोहन ने रात-दिन एक कर दी | मोहन अपने घर में भी चोटी और एड़ी का पसीना एक करके काम करता था| वह पढ़ने के लिए घर घाट एक कर दिया|
मोहन के पिता जी खून-पसीना एक करके दूसरों के घर काम करने उसके लिए किताबे खरीदते थे | उसने डॉक्टर बनने के लिए बहुत कमर तोड़ मेहनत की | मोहन का सब मज़ाक भी उड़ाते थे , लेकिन मोहन ने किसी ने नहीं सुनी | | मोहन को एक अपने पर विश्वास था की चोटी पर पहुँचेगा | मोहन को एक अपने पर विश्वास था की चोटी पर पहुँचेगा | परिणाम वाले दिन वह चेहरा चमक उठा | उस दिन उसके हाथ में डॉक्टर की डिग्री थी वह बहुत खुश था| उस दिन उसने सब को दिखा दिया परिश्रम का फल हमेशा मीठा होता है|
परिश्रम ही सफलता की कुंजी है , अगर मन लग्न और विश्वास हो तो हम जीवन में सब कुछ हासिल कर कसते है|
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मेहनत पर कम से कम 5 मुहावरे लिखें।
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मेहनत और कोशिश पर मुहावरे बता दे कृपया कर|
Answer:
10 muhavare ka prayog karte huye' Parishram hi safalta Ki Kunji Hai 'Vishya
Explanation:
परिश्रम को सफलता की चाबी माना जाता है। जीवन में सफलता पुरुषार्थ दिखाने से प्राप्त होती है। जो परिश्रम का महत्व जानता है और परिश्रम करने से कतराता नहीं है लक्ष्मी उसे वरण करने के लिए सदैव तैयार रहती है। भाग्य के भरोसे रहने वाले विफलता का स्वाद ही चखते हैं।
प्रस्तावना- मानव जीवन में परिश्रम बहुत आवश्यक है। परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। परिश्रम द्वारा छोटे से छोटा मनुष्य बड़ा बन सकता है। परिश्रम के द्वारा सभी कार्य सम्भव हैं। यदि मनुष्य कोई भी काम कठोर परिश्रम एवं दृढ़ संकल्प लेकर करता है तो वह उस काम में सफलता अवश्य पाता है।
जीवन के प्राचीन युग से लेकर आधुनिक युग तक ग्राम-नगरों का विकास, अनेक उपकरणों एवं मशीनों का शिल्प लेकर वायुयान तक का निर्माण परिश्रम द्वारा ही सम्भव हुआ है। संसार में मानव अधिक परिश्रम कर अपनी तकदीर बदल सकता है।
विभिन्न अर्थशास्त्रिष्यों एवं इतिहासकारों द्वारा परिश्रम को ही जीवन का सार माना गया है। संसार की किसी भी वस्तु का निर्माण परिश्रम बिना सम्भव नहीं है। परिश्रमी व्यक्ति को दूसरों पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं होती, वह अपना कार्य स्वंय कर लेते हैं।
आज मानव ने परिश्रम के द्वारा संसार में स्वर्ग उतारने की कल्पना को साकार कर दिया हैं | कठोर परिश्रम करके ही मानव ने अनेक आविष्कार किये हैं जो मानव जीवन में बहुत उपयोगी हैं। मनुष्य के मनोरंजन ने दूरदर्शन, सिनेमा, मोबाइल, कम्प्यूटर एवं अनेक प्रकार के मनोरंजन के साधनों का आविष्कार किया है। ये सब केवल परिश्रम द्वारा ही सम्भव हो सकता है। यदि मानव परिश्रम नहीं करेगा तो वह सरल से सरल काम को भी कठिनाई से पूर्ण करेगा। परिश्रमी मनुष्य कभी भी भूखा नहीं रह सकता। परिश्रमी व्यक्ति के लिए सफलता उसकी दासी के रूप में होती है।
परिश्रम का महत्व- परिश्रम ही मानव जीवन की सफलता की कुंजी है। आज जितने भी बड़े-बड़े उधोगपति, राजनेता, अभिनेता, हैं वे सभी कठोर परिश्रम करके ही सफल हुए हैं, वे दिन-रात मेहनत एवं परिश्रम करते हैं और यह उनके परिश्रम का ही नतीजा है कि आज वे पूरे संसार में प्रसिद्व हैं, बड़ी-बड़ी उपलब्धियां प्राप्त कर रहे हैं।
हमें किसी भी काम को कठिन नहीं समझना चाहिये। यदि हममें परिश्रम करने की क्षमता है तो हम जटिल से जटिल काम सरलता से कर सकते हैं। परिश्रम के द्वारा मानव अपने में नये जीवन का संसार कर सकता है। अतः परिश्रम का महत्व अद्भुत तथा अनोखा है।
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