10. निबंध (ईद | रक्षा बंधन) 2nd class
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raksha bandhan
रक्षाबंधन पर बहन अपने भाई को राखी बांधती हैं। भाई अपनी बहन को सदैव साथ निभाने और उसकी रक्षा के लिए आश्वस्त करता है। यह परम्परा हमारे भारत में काफी प्रचलित है, और ये श्रावण पूर्णिमा का बहुत बड़ा त्यौहार है। आज ही के दिन यज्ञोपवीत बदला जाता है।
रक्षाबंधन अर्थात् संरक्षण का एक अनूठा रिश्ता, जिसमें बहनें अपने भाइयों को राखी का धागा बाँधती है, लेकिन मित्रता की भावना से भी यह धागा बाँधा जाता है, जिसे हम दोस्ती का धागा भी कहते हैं। यह नाम तो अंग्रेज़ी में अभी रखा गया है, लेकिन रक्षा बंधन तो पहले से ही था, यह रक्षा का एक रिश्ता है।
इसलिए, रक्षा बंधन ऐसा त्यौहार है, जब सभी बहनें अपने भाइयों के घर जाती हैं,और अपने भाइयों को राखी बांधती हैं, और कहती हैं "मैं तुम्हारी रक्षा करूंगी और तुम मेरी रक्षा करो"। और ये कोई ज़रूरी नहीं है, कि वे उनके अपने सगे भाई ही हों, वह अन्य किसी को भी राखी बाँधकर बहन का रिश्ता निभाती हैं।तो ये प्रथा इस देश में काफी प्रचलित है, और ये श्रावण पूर्णिमा का बहुत बड़ा त्यौहार है। आज ही के दिन यज्ञोपवीत बदला जाता है।
रक्षाबंधन पर राखी बांधने की हमारी सदियों पुरानी परंपरा रही है। प्रत्येक पूर्णिमा किसी न किसी उत्सव के लिए समर्पित है। सबसे महत्वपूर्ण है कि आप जीवन का उत्सव मनाये। सभी भाईयों और बहनों को एक दूसरे के प्रति प्रेम और कर्तव्य का पालन और रक्षा का दायित्व लेते हुए ढेर सारी शुभकामना के साथ रक्षाबंधन का त्योहार मनाना चाहिए।
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मुस्लिम के प्रमुख त्योहारों में से एक है ईद। यह दो प्रकार की होती है। पहली है मीठी ईद और दूसरी है बकरा ईद। मीठी ईद को ईद-उल-फितर के नाम से भी जाना जाता है। वहीं बकरा ईद को बकरीद या ईद-उल-अजहा भी कहते हैं। मुस्लिम समुदाय के लिए यह त्योहार सबसे अधिक प्रसन्नता का त्योहार माना जाता है। ईद की गणना हिज़ी कैलेंडर और चांद के उदय के माध्यम से की जाती है। कई बार ईद अलग – अलग जगहों में अलग – अलग दिन मनाई जाती है।
मीठी ईद से पहले रमजान का महीना आता है। यह मुस्लिम लोगों का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। रमजान के महीने धार्मिक प्रवृति के लोग सूर्योदय से सूर्यास्त तक रोज़ा रखते हैं। सूर्यास्त के बाद नमाज पढ़ कर रोज़ा खोला जाता है। रोज़ा खोलने को इफ्तार या इफ्तारी भी कहते हैं। रमजान पूरे एक महीने तक चलता है। इस महीने में दिन में पांच बार नमाज़ अदा किया जाता है। गरीबों को दान भी दिया जाता है। सभी लोग अपनी आवश्यकता के अनुसार खरीददारी करते हैं। मीठी ईद के दिन पकवान और सिवइयां बनाई जाती है। सभी प्रेमपूर्वक एक दूसरे से गले मिलकर बधाइयां और शुभकामनाएं देते हैं। इस त्यौहार में अपने से छोटों ईदी देने की भी परंपरा है