Hindi, asked by bhupsasingh372, 3 months ago

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प्र.1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
स्वावलंबन का गुण सभी को सरलता से प्राप्त हो सकता है। यह किसी एक विशेष जाति,
विशेष धर्म तथा विशेष देश के निवासी की संपत्ति नहीं है। स्वावलंबन सभी के लिए चाहे वह
पूंजीपति हो या मजदूर, पुरुष हो या स्त्री, वृद्ध हो या बालक, काला हो या गोरा, शिक्षित हो या
अशिक्षित, प्रत्येक समय, प्रत्येक स्थान पर सुलभ है। इतिहास साक्षी है कि अत्यंत दीन तथा
निर्धन व्यक्तियों ने स्वावलंबन के अलौकिक गुण द्वारा महान् उन्नति की है। समाचार पत्र बेचने
वाला एडमिन एक दिन महान् उपन्यासकार हुआ चंद्रगुप्त नामक एक निर्धन और साधारण
सैनिक भारत का चक्रवर्ती समाट हुआ| हैदरअली प्रारंभ में एक सिपाही था, स्वावलम्ब के कारण
ही उसने दक्षिण भारत में अपना राज्य स्थापित किया| ईश्वर चंद्र विद्यासागर हमारे भारत की
ख्याति प्राप्त नवरत्न ये| कहा जाता है कि उन्होंने अंग्रेजी अक्षरों का जान सड़क के किनारे गड़े
हुए
मिल के पत्थरों से किया था
(क) उपयुक्त गट्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
(ख) निर्धन व्यक्तियों की उन्नति कसे सभव है?
(ग) स्वावलंबन का गुण कहाँ और किसमे सुलभ है ?
(घ) किन महापुरषों ने स्वावलंबन के बल पर अपनी उन्नति की?
(ड) इस गद्यांश से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?​

Answers

Answered by shashankshekhar29
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Answer:

क- स्वालंबन

ख-निर्धन व्यक्तियों ने स्वावलंबन के अलौकिक गुण द्वारा महान् उन्नति की है।

ग-स्वावलंबन का गुण सभी को सरलता से प्राप्त हो सकता है। यह किसी एक विशेष जाति,

विशेष धर्म तथा विशेष देश के निवासी की संपत्ति नहीं है। स्वावलंबन सभी के लिए चाहे वह

पूंजीपति हो या मजदूर, पुरुष हो या स्त्री, वृद्ध हो या बालक, काला हो या गोरा, शिक्षित हो या

अशिक्षित, प्रत्येक समय, प्रत्येक स्थान पर सुलभ है। इतिहास साक्षी है कि अत्यंत दीन तथा

निर्धन व्यक्तियों ने स्वावलंबन के अलौकिक गुण द्वारा महान् उन्नति की है।

घ-समाचार पत्र बेचने

वाला एडमिन एक दिन महान् उपन्यासकार हुआ चंद्रगुप्त नामक एक निर्धन और साधारण

सैनिक भारत का चक्रवर्ती समाट हुआ| हैदरअली प्रारंभ में एक सिपाही था, स्वावलम्ब के कारण

ही उसने दक्षिण भारत में अपना राज्य स्थापित किया| ईश्वर चंद्र विद्यासागर हमारे भारत की

ख्याति प्राप्त नवरत्न ये| कहा जाता है कि उन्होंने अंग्रेजी अक्षरों का जान सड़क के किनारे गड़े

अंग- हमे स्वलंबी होना ही चाहिए।

Explanation:

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