10 points about how we are going to spend our winter vacation on this pandamic (in hindi)
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प्रत्येक मौसम का अपना उत्साह एवं उमंग अलग तरह का होता हैं. शीतकालीन विद्यालय अवकाश ऐसे मौसम के समय आते हैं जब हमारे स्कूल की अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं हो चुकी हैं. सभी बच्चे परीक्षा की तैयारी के बाद थोड़ा विश्राम चाहते हैं.
दिसम्बर माह के तीसरे सप्ताह में हमारे विद्यालय में सर्दी की छुट्टियाँ हो गई. बड़े भाई हमें किसी पर्यटन स्थल पर घुमाने के सम्बन्ध में कुछ दिन पूर्व बात कर रहे थे. अतः मैंने उत्सुकतावश उन्हें उन्ही की बात दिलाई. हमने काफी चर्चा के बाद इन शीतकालीन अवकाश के लिए राजस्थान भ्रमण को चुना.
राजस्थान मेरे दिल के बेहद करीब हैं, बचपन से राज्य के इतिहास एवं संस्कृति के बारे में खूब पढ़ा था. मुझे लगा राजस्थान भारत के सर्वाधिक समृद्ध संस्कृति वाले राज्यों में से एक हैं. इससे पूर्व मैंने कभी राजस्थान की यात्रा भी नहीं की थी, इसलिए राजस्थान के सैर की योजना बनने के बाद मेरा दिल बाग़ बाग़ हो रहा था.
एक तरफ हम पढ़ते है कि राजस्थान की जलवायु उष्णकटिबंधीय एवं शुष्क हैं, जहाँ गर्मी के दिनों में पारा 50 डिग्री तक चला जाता हैं. मगर इसी प्रदेश में सर्दी ऋतु में कुछ अलग ही नजारा होता हैं. माउंड आबू जैसे स्थलों पर पारा शुन्य के पार चला जाता हैं, अन्य स्थलों पर ठंड सुहावनी ही रहती हैं. राज्य के किले, दुर्ग, वन और मंदिर देखने के स्थल हैं यहाँ बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी आते हैं.
हमारी सर्दी की छुट्टियाँ इस बार जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और जैसलमेर में व्यतीत होना निश्चय हुई. राज्य के ये ऐतिहासिक शहर महलों, हवेलियों, स्थापत्य कला, प्राकृतिक बसावट, झीलों व रेगिस्तानी दुर्गों के लिए जाने जाते हैं. जोधपुर के मेहरानगढ़ किले से हमारा सफर शुरू हुआ. प्राचीनता एवं अद्भुत सौन्दर्य समेटे ये किला बेहद आकर्षक हैं.