10 सेंटेंस अबाउट एंजॉय विद फैमिली पिकनिक
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मुझे पारिवारिक पिकनिक बहुत पसंद है क्योंकि यह मुझे अपने परिवार के सदस्यों के साथ अधिक मेल खाने की संभावना देता है। जब कोई पिकनिक की बात करता है तो कोई भी युवा या प्रौढ़ नहीं होता है, हम सभी बच्चों की तरह व्यवहार करते हैं और आनंद लेते हैं। यह मेरे परिवार के सदस्यों के मनोरंजक व्यक्तित्व को देखने का एक सुखद तरीका है
Explanation:
परिवार के साथ कहीं भी जाना काफी उत्साहवर्धक और सुरक्षात्मक होता है। बात जब पिकनिक की हो, तो क्या कहने! बच्चे तो अक्सर बाहर घूमते ही रहते हैं, कभी स्कूल की तरफ से तो कभी कॉलेज की ओर से। लेकिन मां-बाप जिन्दगी की भागा-दौड़ी में खुद के लिए जीना ही भूल जाते है। ऐसे में हम परिवार के साथ पिकनिक मनाने के बहाने ही सही, उन्हें थोड़ा खुश होने का मौका दे सकते हैं।
परिवार के साथ पिकनिक
पिछली गर्मियों में हमारा परिवार पास के वाटर पार्क में एक यादगार पिकनिक मनाने गया था। जिस दिन हमने पहली बार पिकनिक पर जाने के बारे में बात की, तभी से मेरा मन उछल पड़ा था। मैं अत्यधिक उत्साहित थी। पिकनिक की तैयारी के दौरान परिवार के बीच खुशी का प्रवाह अपने चरम पर था। इस गतिविधि को लेकर हर कोई उत्साहित था।
आखिरकार, वह दिन आ गया। हम सभी अपने घर से पिकनिक के लिए निकल गए। कार में पूरे समय हम सिर्फ उसी के बारे में बात कर रहे थे। परिवार के साथ पिकनिक को लेकर परिवार का हर सदस्य बहुत उत्साहित था। चूंकि यह सम्पूर्ण परिवार का पहला सामूहिक प्लान था। इसलिए हम सभी लोग बिलकुल अलग रूप में थे।
मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था
मैं सबसे ज्यादा अपनी मां के लिए खुश थी, क्योंकि उन्हें जल्दी बाहर जाने का मौका नहीं मिलता है। हम सभी अपने गन्तव्य तक पहुंच चुके थे। वहां मस्ती करने की बहुत सी चीजें थी, जिसमें से मेरा पसंदीदा पूल स्पॉट था। हम सबने उसके लिए अपने-अपने कपड़े बदलें और पूल में कूद पड़े।
मेरी माँ डर रही थी और जाने से मना भी की, लेकिन हम दोनो बहनों ने विश्वास दिलाया कि कुछ नहीं होगा और पूल के अंदर खींच लिया। पहले तो वो बहुत डर रही थी, लेकिन कुछ ही देर बाद सामान्य हो गयी थी। उन्हें देखकर लगा कि वो अपने बचपन में लौट गयी
“खुश परिवार ही स्वर्ग है” – जार्ज बर्नार्ड शॉl
अंग्रेजी साहित्य के दूसरे शेक्सपियर कहे जाने वाले बर्नार्ड शॉ ने एक खुशहाल परिवार को स्वर्ग कहा है। साफ है, हमारा परिवार ही हमारी नियति तय करता है। किन्तु आज की व्यस्त जिन्दगी ने सबको इतना व्यस्त कर दिया है, कि अt
बहुत दिनों से हम सभी एकसाथ कहीं घूमनें नहीं गए थे, तो सभी ने सप्ताहांत पिकनिक पर जाने का फैसला किया। इस बार हमने शहर की प्रसिध्द फनसिटी जाने का फैसला किया। वो दिन आ गया, जब हमें एकसाथ घूमने और मजा करने का मौका मिलने वाला था।
अंततः हम अपने गंतव्य पर पहुँच गए। जिस क्षण हम टिकट खिड़की पर पहुँचे, बहुत अधिक भीड़ थी। टिकट लेने के बाद हम परिवार के साथ पिकनिक के लिए अपने प्रतीक्षारत साहसिक कार्य के लिए प्रवेश कर गए। अंदर जाते ही उस जगह की खूबसूरe