Hindi, asked by prem12362, 2 months ago

10 sanskrit thought with hindi meaning

Please Say Fast​

Answers

Answered by hishamking5
1

Answer:

वाणी रसवती यस्य,यस्य श्रमवती क्रिया ।

लक्ष्मी : दानवती यस्य,सफलं तस्य जीवितं ।।

हिंदी अर्थ:- जिस मनुष्य की वाणी मीठी है, जिसका कार्य परिश्रम से परिपूर्ण है, जिसका धन दान करने में प्रयोग होता है, उसका जीवन सफल है।

स्वभावो नोपदेशेन शक्यते कर्तुमन्यथा !

सुतप्तमपि पानीयं पुनर्गच्छति शीतताम् !!

हिन्दी अर्थ : किसी व्यक्ति के मूल स्वभाव या आदत को सिर्फ सलाह देकर बदलना संभव नहीं है, ठीक उसी तरह जैसे ठन्डे पानी को गर्म करने पर वह गर्म तो हो जाता है लेकिन पुनः स्वयं ठंडा हो जाता है ।

अलसस्य कुतो विद्या, अविद्यस्य कुतो धनम् ।।

अधनस्य कुतो मित्रम्, अमित्रस्य कुतः सुखम् ।।

हिन्दी अर्थ : आलसी को विद्या कहाँ, अनपढ़/मूर्ख को धन कहाँ, निर्धन को मित्र कहाँ और अमित्र को सुख कहाँ |

सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया: ।

सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दु:ख भाग्भवेत् ॥

हिंदी अर्थ : सभी सुखी हों, सभी निरोगी हों, सभी को शुभ दर्शन हों और कोई दु:ख से ग्रसित न हो|

उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः।

न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगा: ।।

हिंदी अर्थ :- मेहनत से ही कार्य पूर्ण होते हैं, सिर्फ इच्छा करने से नहीं। जैसे सोये हुए शेर के मुँह में हिरण स्वयं प्रवेश नहीं करता, शेर को स्वयं ही प्रयास करना पड़ता है।

अनाहूतः प्रविशति अपृष्टो बहु भाषते !

अविश्वस्ते विश्वसिति मूढचेता नराधमः !!

हिन्दी अर्थ :- जो बिन बुलाये ही किसी सभा/स्थान पर पहुँच जाता है और बिना पूछे ही बोलता रहता है तथा विश्वास न करने योग्य लोगों पर भी विश्वास कर लेता है, वह मूर्ख है।

अष्टादस पुराणेषु व्यासस्य वचनं द्वयम् ।

परोपकारः पुण्याय पापाय परपीडनम् ॥

हिंदी अर्थ:- अट्ठारह पुराणों में व्यास के दो ही वचन हैं “परोपकार ही पुण्य है” और “दूसरों को दुःख देना पाप है”

बलवानप्यशक्तोऽसौ धनवानपि निर्धनः ।।

श्रुतवानपि मूर्खाऽसौ यो धर्मविमुखो जनः ||

हिंदी अर्थ:- जो व्यक्ति अपने धर्म ( कर्तव्य ) का पालन नहीं करता है, वह ( व्यक्ति ) बलवान् हो कर भी निर्बल, धनवान् हो कर भी निर्धन(गरीब) तथा ज्ञानी(शिक्षित) हो कर भी मूर्ख होता है |

प्रदोषे दीपक : चन्द्र:,प्रभाते दीपक:रवि:।

त्रैलोक्ये दीपक:धर्म:,सुपुत्र: कुलदीपक:।।

हिंदी अर्थ:- संध्या-काल मे चंद्रमा दीपक है, प्रातः काल में सूर्य दीपक है, तीनो लोकों में धर्म दीपक है और सुपुत्र कुल का दीपक है।

यथा चित्तं तथा वाचो यथा वाचस्तथा क्रियाः !

चित्ते वाचि क्रियायांच साधुनामेक्रूपता !!

हिंदी अर्थ : जो चित्त (मन) में हो वही वाणी(शब्दों) से प्रकट होना चाहिए और जो वाणी(शब्दों) से प्रकट हो उसके अनुरूप ही कार्य करना चाहिए | जिनके चित्त, वाणी और कर्म में एकरूपता होती है वही साधुजन होते हैं |

Similar questions