10 sentences on bhagvat geeta in sanskrit
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श्रीमद्भगवद्गीता हिन्दुओं के पवित्रतम ग्रन्थों में से एक है। यह कोई मानवीय पुस्तक नहीं अपितु स्वयं भगवान् की वाणी है। महाभारत के अनुसार कुरुक्षेत्र युद्ध में श्री कृष्ण ने गीता का सन्देश अर्जुन को सुनाया था। यह महाभारत के भीष्मपर्व के अन्तर्गत दिया गया एक उपनिषद् है। इसमें एकेश्वरवाद, कर्म योग, ज्ञानयोग, भक्ति योग,सान्ख्योग की बहुत सुन्दर ढंग से चर्चा हुई है। इसमें देह से अतीत आत्मा का निरूपण किया गया है। यह विश्व के उन चुनिन्दा ग्रंथों में से है जो ईश्वरीय माने जाते हैं। गीता की सबसे ख़ास बात यह है कि इसका अर्थ समझना अत्यंत सरल है परन्तु आशय समझना अत्यंत दुरूह है। महाभारत काल से ही लगभग सारे विद्वानों में यह आम मान्यता है कि मानवीय तौर पर ऐसी पुस्तक लिखना असम्भव है।
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