Hindi, asked by riyapandeyff, 11 hours ago

10 small poems in hindi???

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Answered by janbi73
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1.कल एक झलक ज़िंदगी को देखा,

वो राहों पे मेरी गुनगुना रही थी,

फिर ढूँढा उसे इधर उधर

वो आँख मिचौली कर मुस्कुरा रही थी,

एक अरसे के बाद आया मुझे क़रार,

वो सहला के मुझे सुला रही थी

हम दोनों क्यूँ ख़फ़ा हैं एक दूसरे से

मैं उसे और वो मुझे समझा रही थी,

मैंने पूछ लिया- क्यों इतना दर्द दिया

कमबख्त तूने,

वो हँसी और बोली- मैं जिंदगी हूँ पगले

तुझे जीना सिखा रही थी।

2.कभी अपनी हंसी पर आता है गुस्सा।

कभी सारे जहां की हंसाने का दिल करता है।।

कभी छुपा लेते है गम की दिल के किसी कोने में।

कभी किसी को सब कुछ सुनाने का दिल करता है।।

कभी रोते नही लाख दुःख आने पर भी।

और कभी यूँ ही आंसू बहाने को दिल करता है।

कभी अच्छा सा लगता है आज़ाद घूमना,लेकिन

कभी किसी की बाहीं में सिमट जाने को दिल करता है।।

कभी कभी सोचते है नया हो कुछ जिंदगी में।

और कभी बस ऐसे ही जिये जाने को दिल करता है।।

3.कभी लगता है इस जिन्दगी में खुशियां बेशुमार है,

तो कभी लगने लगता है जिन्दगी ही बेकार है।

कभी लगता है लोगो में बहुत प्यार है,

तो कभी लगता है रिश्तों में सिर्फ दरार है ।

कभी लगता है हम भी जिन्दगी जीने के लिए बेकरार है ,

तो कभी कभी लगता है सिर्फ हमे मौत का इंतजार है ।

कभी लगता है हमको भी उनसे प्यार है,

तो कभी लगता है सिर्फ प्यार का बुखार है।

कभी लगता है शायद उनको भी हमसे इजहार है,

फिर लगता है हम दोनों में तो सिर्फ तकरार है ।

कभी लगता है सब अपने ही यार है,

फिर लगता है इनमें भी छिपे गद्दार है ।

कभी लगता है कितना प्यारा संसार है ,

तो कभी लगता है ये संसार बस संसार है ।

4.तू जिंदगी को जी

उसे समझने की कोशिश न कर

सुंदर सपनो के ताने बाने बुन

उसमे उलझन की कोशिश न कर

चलते वक्त के साथ तु भी चल

उसमें सिमटने की कोशिश न कर

अपने हाथो को फैला, खुलू कर साँस ले

अंदर ही अंदर घुटने की कोशिश न कर

मन में चल रहे युद्ध को विराम दे

खामख्वाह खुद से लड़ने की कोशिश न कर

कुछ बाते भगवान् पर छोड़ दे

सब कुछ खुंद सुलझाने की कोशिश न कर

जो मिल गया उसी में खुश रह

जो सूकून छीन ले वो पाने कोशिश न कर

रास्ते की सुंदरता का लुफ्त उठा

मंजिल पर जल्दी पहुचने की कोशिश न कर।

5.एक दिन सपना नींद से टूटा

खुशी का दरवाजा फिर से रूठा

मुड़ कर देखा तो वक्त खड़ा था

जिंदगी और मौत के बीच पड़ा था

दो पल ठहर के मेरे पास वह आया

पूछा मिली थी जो खुशी उसे क्यों ठुकराया

ऐसे में जब मैं हल्का सा मुस्कुराया

नजरें उठाई और तब सवाल ठुकराया

जवाब सुनकर वह भी रोने लगा

कहीं ना कहीं मेरे दर्द में खोने लगा

मेरे भाई हसा नहीं कभी खुद के लिए

जिया हो जिंदगी पर ना कभी अपने लिए

इस खुशी का एक ही इंसान मोहताज था

मेरी जान मेरी धड़कनों का वो ताज था..

आखिर खत्म हो गया एक किस्सा मेरी जिंदगानी का

पर नाज रहेगा हमेशा अपनी कहानी पर।

6.जो छूट गया उसका क्या मलाल करें,

जो हासिल है,चल उस से ही सवाल करें !!

बहुत दूर तक जाते है, याँदो के क़ाफ़िले,

फिर क्यों पुरानी याँदो मे सुबह से शाम करें ।

माना इक कमी सी है,जिंदगी थमीं सी हैं,

पर क्यों दिल की धड़कनों को दर-किनार करें!!

मिल ही जाएगा जीने का कोई नया बहाना,

आ ज़रा इत्मीनान से किसी ख़ास का इंतज़ार करें !!

7.ज़िन्दगी के लिए इक ख़ास सलीक़ा रखना

अपनी उम्मीद को हर हाल में ज़िन्दा रखना

उसने हर बार अँधेरे में जलाया ख़ुद को

उसकी आदत थी सरे-राह उजाला रखना

आप क्या समझेंगे परवाज़ किसे कहते हैं।

आपका शौक़ है पिंजरे में परिंदा रखना

बंद कमरे में बदल जाओगे इक दिन लोगो

मेरी मानो तो खुला कोई दरीचा रखना

क्या पता राख़ में ज़िन्दा हो कोई चिंगारी

जल्दबाज़ी में कभी पॉव न अपना रखना

वक्त अच्छा हो तो बन जाते हैं साथी लेकिन

वक़्त मुश्किल हो तो बस ख़ुद पे भरोसा रखना

8.लोग क्या कहेंगे इस बात पर हम

कुछ यूँ उलझते जा रहे हैं।

दिल कुछ और करना चाहता है।

हम कुछ और ही करते जा रहे हैं।

सोचते हैं वक़्त बहुत है हमारे पास

इतनी भी क्या जल्दी पड़ी है

अभी औरों के हिसाब से चल लें

ख़ुद के लिए तो सारी उम्र पड़ी है।

दिल और दिमाग़ की इसी कश्मकश में

ज़िन्दगी के पन्ने बड़ी रफ़्तार से पलटटे जा रहे हैं।

उतना तो हम जीए ही नहीं अभी तक

जितना हम हर रोज़ बेवजह मरते जा रहे हैं।

9.न चादर बड़ी कीजिये,

न ख्वाहिशें दफन कीजिये,

चार दिन की ज़िन्दगी है,

बस चैन से बसर कीजिये…

न परेशान किसी को कीजिये,

न हैरान किसी को कीजिये,

कोई लाख गलत भी बोले,

बस मुस्कुरा कर छोड़ दीजिये…

न रूठा किसी से कीजिये,

न झूठा वादा किसी से कीजिये,

कुछ फुरसत के पल निकालिये,

कभी खुद से भी मिला कीजिये..

10.मंजिल मिले ना मिले

ये तो मुकदर की बात है!

हम कोशिश भी ना करे

ये तो गलत बात है…

जिन्दगी जख्मो से भरी है,

वक्त को मरहम बनाना सीख लो,

हारना तो है एक दिन मौत से,

*फिलहाल जिन्दगी जीना सीख लो!!

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