10 suktiyan in sanskrit language with hindi meanings
Answers
1. जिता सभा वस्त्रवता ।
अच्छे वस्त्र पहनने वाले लोगों को सभा में सम्मान दिया जाता है ।
2. क्लिश्यन्ते लोभमोहिताः ।
लोभ के कारण मोहित होने वाले लोगों को दुःख मिलता है ।
3. लोभः प्रज्ञानमाहन्ति ।
लोभ विवेक का नाश करता है ।
4. लोभमूलानि पापानि ।
लोभ सब पापों का मूल कारण है ।
5. मौनिनः कलहो नास्ति ।
चुप रहने वाले व्यक्ति का किसी से झगड़ा नहीं होता है ।
6. सर्वस्य लोचनं शास्त्रम् ।
शास्त्र सबकी आँख है ।
7. मनः शीघ्रतरं बातात् ।
मन वायु से भी ज्यादा गतिशील है ।
8. विना गोरसं को रसो भोजनानाम् ।
गोरस के बिना भोजन का स्वाद कहाँ आता है ।
9. कुभोज्येन दिनं नष्टम् ।
खराब भोजन से पूरा दिन बेकार हो जाता है ।
10. अजीर्णे भोजनं विषम् ।
अपाचन होने से भोजन विष के समान हो जाता है ।
1. जिता सभा वस्त्रवता ।
अच्छे वस्त्र पहनने वाले लोगों को सभा में सम्मान दिया जाता है ।
2. क्लिश्यन्ते लोभमोहिताः ।
लोभ के कारण मोहित होने वाले लोगों को दुःख मिलता है ।
3. लोभः प्रज्ञानमाहन्ति ।
लोभ विवेक का नाश करता है ।
4. लोभमूलानि पापानि ।
लोभ सब पापों का मूल कारण है ।
5. मौनिनः कलहो नास्ति ।
चुप रहने वाले व्यक्ति का किसी से झगड़ा नहीं होता है ।
6. सर्वस्य लोचनं शास्त्रम् ।
शास्त्र सबकी आँख है ।
7. मनः शीघ्रतरं बातात् ।
मन वायु से भी ज्यादा गतिशील है ।
8. विना गोरसं को रसो भोजनानाम् ।
गोरस के बिना भोजन का स्वाद कहाँ आता है ।
9. कुभोज्येन दिनं नष्टम् ।
खराब भोजन से पूरा दिन बेकार हो जाता है ।
10. अजीर्णे भोजनं विषम् ।
अपाचन होने से भोजन विष के समान हो जाता है ।
Read more on Brainly.in - https://brainly.in/question/2291677#readmore