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10. दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर किसी एक विषय पर
लगभग 80 से 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए: (5)
(क) राष्ट्रीय एकता
•भारत की विभिन्नताएं
•विभिन्नताओं में एकता
•राष्ट्रीय एकता में बाधक तत्व
(ख) प्रकृति की रक्षा, मानव की सुरक्षा
•मनुष्य प्रकृति का अंग
•प्रकृति से खिलवाड़
•प्रकृति की रक्षा मानव जाति का कर्तव्य
(ग) मुसकराइए तनाव दूर भागाइए
•चिंता का कोई अंत नहीं
•सभी तनावग्रस्त
•तनाव से बचाव
Answers
पर्यावरण की सुरक्षा से ही मानव जीवन की रक्षा संभव है। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जंगल व पहाड़ो का होना अत्यंत जरुरी है। प्रतिदिन वृक्षों की अवैध तरीके से अंधाधुन कटाई होने से जंगल सिमटा जा रहा है। पर्यावरण असुरक्षित होने से इसका बुराअसर मानसून पर भी पड़ता है। आज असमय वर्षा होने से कृषि कार्य काफी प्रभावित हो रही है। पर्यावरण को सुरक्षित बनाए रखने के उद्देश्य को लेकर पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।
पांच जून को वशि्व पर्यावरण दिवस मनाकर लोग पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के प्रति संकल्प दुहराते हैं। जिले में पर्यावरण को सुरक्षित बनाए रखने के लिए जंगलों की सुरक्षा पर तथा पौधरोपन पर विशेष कार्य किया जा रहा है। जिले के गुरपा, बाराचट्टी, अतरी, गया, शेरघाटी व इमामगंज वन प्रक्षेत्र है। वनों की रक्षा तथा उसके विकास के लिए ग्रामीण वन समिति की देख रेख में कार्य किया जाता है। जंगल की सुरक्षा, संरक्षण तथा पौधरोपन पर विशेष कार्य किया जाता है।
इसके अलावे जंगल की अवैध कटाई पर रोक लगाने का भी कार्य किया जाता है। वन समिति द्वारा हरियाली मशिन के तहत किसान पौधशाला योजना का संचालन किया जा रहा है। जिले के टिकारी के पूरा में, बोधगया के मनकोसी, बोधगया,डेल्टा देमुहान, अतरी, बाराचट्टी तथा इमामगंज में किसान पौधशाला का कार्य का संचालन किया जा रहा है। यहां करीब एक लाख अस्सी हजार पौधे किसानों द्वारा उगाए गए हैं। इन पौधों को वन विभाग खरीद कर उसे पौधरोपन अभियान को सफल बनायेंगे।
जिले के गुरपा, बाराचट्टी,गया, अतरी व इमामगंज संरक्षित वन क्षेत्र भी है। उसकी देखभाल वन विभाग के अधिकारी ग्रामीण वन समिति के माध्यम से करते है। पर्यावरण की देखभाल के लिए जागरुक किया जाता है। पेड़ो की अवैध कटाई नहीं करने, घर के काम में उपयोग के लिए सूखी लकडिम्यां ही काटने, हरे पेड़ो को नहीं काटने के लिए लोगों के बीच जागरुकता अभियान चलाया जाता है। वन से लोगों को मिलता है लाभवन से लोगों को कई तरह का लाभ मिलता है।
जंगल के आसपास रहने वाले शहरी लोग जंगल का मनोरम छटा देखने के लिए जहां पिकनिक मनाने वहां जाते है वहीं जड़ी-बूटी, कई तरह का फल-फूल सुखी जलावन की लकड़ी, काष्ट कोयला, इमारती लकडिम्यां आदि प्राप्त करते है। प्राकृतिक के गोद में बसा है घरवनवासियों के लिए जंगल प्राकृतिक के गोद में बसा घर है। वे जंगल को भगवान के समान पूजते हैं। गुरपा वन में रहने वाले बिरहोर वनवासियों का कहना है कि वन है तो वे लोग है।
जंगल की भूमि व पेड़ो की छांव मां की गोद व आंचल के समान है। इसलिए जंगल को सुरक्षित करना तथा उसका संरक्षण देना जीवन का काफी महत्वपूर्ण कर्तव्य है। जंगल ही जीवन हैजंगल की सुरक्षा कर लोग मानव सभ्यता को सुरक्षित कर सकते है। जंगल ही जीवन है का सिद्धांत को अपनाकर लोग सुखी रह सकते है।
वन विभाग जंगल की सुरक्षा के प्रति हमेशा तत्पर है। लेकिन इसमें आम जनों की भागीदारी महत्वपूर्ण है। पर्यावरण को शुद्धता बनाए रखने के लिए पौधारोपन करने, हरे वृक्षों की कटाई नहीं करने, साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने, पॉलिथिन के उपयोग पर नियंत्रण करने आदि के प्रति लोगों को सचेत होने की जरुरत है। नेतामणि के. वन प्रमंडल अधिकारी, गया।