10. 'वाही पठयो ठेलि वहीं' इस पंक्ति में 'वाही' शब्द किसके लिए प्रयोग किया गया है?
(क) श्री कृष्ण के लिए
(ख) रुक्ष्मणि के लिए
(ग) गोपियों के लिए
(घ) सुदामा की पत्नी के लिए
11. कृष्ण ने सुदामा को सबकुछ बिना बताए क्यों दिया?
(क) क्योंकि वे प्रत्यक्ष रूप से सुदामा को देकर अपनी मित्रता को छोटा नहीं करना चाहते थे |
(ख) क्योंकि वे किसी के सामने अपने महल में नहीं देना चाहते थे |
(ग) क्योंकि वे सुदामा पर अपना प्रभुत्व जमाना चाहते थे |
(घ) क्योंकि वे अपनी पत्नी से छिपकर देने में ही भलाई समझते थे |
12. निम्नलिखित में से किसके कारण सुदामा बेहाल हो रहे थे?
(क) चर्म रोग के कारण
(ख) बिवाइयों के कारण
(ग) क्षयरोग के कारण
(घ) अस्थि रोग के कारण
13. 'प्रभु जाने को आहि' कविता की इस पंक्ति में 'प्रभु के रूप में किसे संबोधित किया गया है?
(क) इंद्र को
(ख) राम को
(ग) भगवान को
(घ) श्रीकृष्ण को
14. कृष्ण को सुदामा द्वारा लाए गए चावल कैसे लगे?
(क) बहुत मीठे
(ख) एकदम फीके
(ग) सुधा रस से परिपूर्ण
(घ) इसमें से कोई नहीं
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Answer:
Explanation:
(क) पहले पद में भगवान की तुलना चंदन घने बादल ,चंद्रमा, दीपक ,मोती, सुहाग, स्वामी और भक्त की तुलना पानी , मोर , चकोर, बाती , धागा, सोना, दास से की गई है।
(ख) पहले पद के अन्य तुकांत शब्द निम्नलिखित हैं -
मोरा - चकोरा , बाती - राती , धागा - सुहागा , दासा - रैदासा ।
(ग) चंदन → पानी
स्वामी→ दास
सोना → सुहागा
मोती → धागा
चंद → चकोरा
घनबन → मोरा
(घ) दूसरे पद में कवि ने ‘गरीब निवाजू’ अपने आराध्य परमात्मा (ईश्वर) को कहा है क्योंकि वह हमेशा गरीबों तथा दीन-दुखियों पर दया करते हैं।
(ड़) इस पंक्ति के माध्यम से कवि यह बताना चाहते हैं कि जिन लोगों को संसार के लोग अछूत समझते हैं, ऐसे लोगों पर ईश्वर दया करके उनकी हमेशा मदद करते हैं। ईश्वर कोई भेदभाव नहीं करते। वे सब पर एक समान रूप से दया करते हैं।
(च) रैदास ने अपने स्वामी को गरीब निवाजू , स्वामी, गोसाई, गोबिंद , हरि कहकर पुकारा है।
(छ) मोरा → मोर
चंद्र → चंद्रमा, चांद
बाती → स्त्री
जोति → ज्योत
राती → रात , रात्रि
छत्रु → छत्र
धरै → धरना
छोति → छूत
तुहीं → तुम ही, आप ही
गुसईआ → गोसाई , स्वामी