100-120 शब्दों में स्वरचित कहानी लिखिए• नहीं भूलता वह दिन जब मैने अनपढ़ राधा के सूने जीवन में ज्ञान की ज्योति जलाने का संकल्प किया
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Explanation:
कुछ दिनों पहले की बात है| मैं कुछ काम से अपनी कॉलोनी के पीछे वाले हिस्से से जा रहा था| मैं अपनी ही मस्ती में था कि अचानक मेरी नज़र एक छोटी सी बच्ची पर पड़ी| उस बची को उसके घर वालों ने सड़क के किनारे कुछ सामान बेचने के लिए बिठा दिया था | उसकी उम्र करीब ९-१० साल होगी| मैं उसके पास गया और उस से पूछा की तुम्हारे घर वाले कहाँ हैं| उसने बड़ी ही मासूमियत से जवाब दिया की वो तो घर पर हैं| मैंने पूछा की तुम यहाँ क्या कर रही हो, उसने कहाँ की पापा ने यहाँ बैठ कर सामान बेचने को कहा है|
उसका मासूम चेहरा देख और उसकी बात सुनकर मुझे दया आ गयी और मेरा दिल पसीज गया, जिस उम्र में उसे अपने दोस्तों के साथ खेलना -कूदना और पढ़ना चाहिए उस उम्र में वह सामान बेच रही है| मैंने उसी पल निर्णय लिया की मैं उसके घर वालों मिलके बात करूँगा और पता करूँगा की वो उसे पढ़ने क्यूँ नहीं भेजते|
उसके घर वालों से बात करके मुझे उनकी परेशानियों का पता चला| मैंने निश्चय किया की मैं सरकारी स्कूल में दाखिला दिलवाऊंगा और साथी इतवार को मुफ्त टूशन भी दूंगा| मैंने उसका दाखिला पास के स्कूल में करवाया और इतवार को मैं खुद उसे पढ़ाने जाता, कभी कभी वो मेरे घर भी आ जाती | ऐसा लगभग चार सालों तक चला| फिर मेरा तबादला चेन्नई हो गया और उस से संपर्क टूट गया| जब दिल्ली वापस आया तो उस बच्ची के पास गया, पता चला की अब वो इंजीनियर बन गयी है| मुझे इस बात से बहुत ख़ुशी हुई
नहीं भूलता वह दिन जब मैने अनपढ़ राधा के सूने जीवन में ज्ञान की ज्योति जलाने का संकल्प किया
Explanation:
- राधा गाओं की एक सीधी साधी लड़की होती है।
- उसकी सौतेली माँ उसके साथ बोहोत बुरा व्यवहार करती है जिसकी वजह से वो बोहोत दुखी रहती थी।
- उसकी सौतेली माँ उसे पढ़ने भी नहीं देती थी और उस से घर का सारा काम करवाती थी।
- बड़ी होने पैर उसकी शादी कर देती है। उसका पति पढ़ा लिखा होता है और वो शिक्षा का महत्व संघता है।
- वह राधा की बोहोत मदद कजरता है है और उसे पढ़ता है। राधा मन लगा कर पढ़ती है और वह अपनी परीक्षा उत्तीर्ण कर लेती है।
- वह आगे भी अपनी पढ़ी जारी रखती है।
- उसका पति हमेशा उसका साथ देता है।
- फिर वह आईपीएस की त्याररी करती है और पास हो जाती है।
- वह आईपीएस की पोस्ट पे लग जाती है। अंत मैं उसकी माँ उस से माफ़ी मांगती है।
- राधा अपने पति का बोहोत सम्मान करती है क्यूंकि उसके पति ने ही उसे यहाँ तक पहुंचनेमैं उसकी मदद की थी ।
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