100 ग्राम द्रव्यमान के कण को एक मीटर लंबी भारहीन डोरी से बांधकर क्षैतिज वृत्त में 2 चक्कर प्रति सेकंड की दर से घुमाया जाता है (i) कण का भार नगण्य मानकर कण का वेग तथा डोरी में तनाव ज्ञात कीजिए जबकि π²=10 (ii) यदि डोरी का अधिकतम 64 न्यूटन तनाव सहन कर सकती हो तो अधिक से अधिक कितने चक्कर प्रति सेकंड लगाए जा सकते है
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चक्कर आना मतलब स्थानिक बोध और स्थिरता में हानि या कमी आना हैं[1] यह शब्द अस्पष्ट माना जाता है। विभिन्न स्थितियों को एक ही नाम से पुकारे जाने के कारण,[2] यह घुमरी, मस्तिष्क में रक्ताल्पता, असंतुलन को या फिर कोई अविशिष्ट अनुभूति जैसे की चक्कर को दर्शाता है।[3][4]
चक्कर (शिरोभ्रमण)
ICD-10
R42.
ICD-9
780.4
DiseasesDB
17771
eMedicine
neuro/693
MeSH
D004244
यह अवस्था लंबे समय तक गोल घूमने (स्पिनिंग) से भी महसूस की जा सकती है।
घुमरी (वर्टिगो) एक विशिष्ट चिकित्सीय अवस्था है जिसमे या तो सिर घूमता हुआ प्रतीत होता है या चारो ओर की वस्तुएँ घूमती प्रतीत होती हैं। कई लोगों को सिर चकराना बहुत परेशान करता है और अक्सर मतली और उल्टी की परेशानी इसके साथ होती हैं . यह चक्कर आने वाली घटनाओं के मामलों का 25% का प्रतिनिधित्व करता है।[5]
असंतुलन (डिसइक्वीलिब्रियम), असंतुलन की अनुभूति होती है और अक्सर किसी विशिष्ट दिशा में गिर जाने के लक्षण से विशेषित होती है इस हालत में अक्सर मतली या उल्टी के लक्षण नहीं रहते हैं
मस्तिष्क की रक्ताल्पता (प्रीसिंकोप या लाइटहेडेडनेस) मांसपेशी की कमजोरी और मूर्छा की अनुभूति से जानी जाती है, यह सिंकोप जो की बेहोशी की अवस्था है उससे अलग होती हैं।
गैर विशिष्ट चक्कर अक्सर मनोरोग से उत्पत्ति लेती हैं। यह बाकी कारणो के नहीं होने पर माना जाता है और कभी कभी तेज लंबी गहरी और निरंतर श्वांश (हाइपर्वेंटीलेसन) से भी शुरू हो सकती हैं।[6]
आपातकालीन सहायता केंद्र में आने वाले 0.7% लोगों को चक्कर, मस्तिष्क आघात (स्ट्रोक), के कारण होता हैं।