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अभी समय है, अभी नहीं कुछ भी बिगड़ा है देखो अभी सुयोग तुम्हारे पास खड़ा है करना है जो काम उसी ने अपना चित्त लगा दो अपने पर विश्वास करो, और संदेह भगा दो | पूर्ण तुम्हारा मनोमिष्ट क्या कभी न होगा? होगा तो बस अभी, नहीं तो कभी न होगा, देख रहे हो श्रेष्ट समय के क्किस सपने को छलते हो यो हाय ! स्वयं ही क्यों अपने को| तुच्छ कभी तुम न समझो एक पल को भी पल – पल से ही बना हुआ जीवन को मानो तुम इसके सद्व्यय रूप नीर सिंचन के द्ववारा हो सकता है सफल जन्मतरु यहाँ तुम्हारा| ऐसा सुसमय भला और कब तुम पाओगे खोकर पीछे इसे सर्वथा तुम पछताओगे, तो इसमें वह काम नहीं क्यों तुम कर जाओ हो जिसमे परमार्थ तथा तुम भी सुख पओगे|
Answers
इस कविता कि पंक्तियों में कवी यह समझाने का प्रयास कर रहा है कि अभी कुछ नही बिगड़ा है अर्थात अभी समय नहीं निकला है तुम्हारे पास बहुत समय है तुम जो भी करना है उसे पूरे मन से पूरी लगन से और पूरी मेहनत से करो खुद पर विशवास रखो , अपने मन से संदेह को भाग दो अर्थात अपने मन डर को निकाल दो और खुद पर विश्वास रखो की तुम कुछ भी कर सकते हो |तुम जो भी करना चाहते हो उसे अभी इसी समय में कर लो क्यूंकि यह उचित समय है अगर यह एक बार यह तुम्हारे हाथ से निकल गया तो दुबारा नहीं आएगा और फिर तुम पछताओगे |
तुम समय को महत्वहीन मत समझो इसके महत्व को पहचानो | कवि कहते हैं यह जीवन पल पल से बना है इसके महत्व को पहचानो | तुम्हारा जन्म तभी सफल होगा जब तुम कुछ ऐसा काम करोगे जिसमें भलाई हो पर वह स्वजनों के लिए न होकर दूसरों के लिए हो और ऐसा करनें में तुम भी सुख प्राप्त करोगे | इन पंक्तियों में कवि नें समय के महत्व को बताया है |
Explanation:
Question -
अभी समय है, अभी नहीं कुछ भी बिगड़ा है देखो अभी सुयोग तुम्हारे पास खड़ा है करना है जो काम उसी ने अपना चित्त लगा दो अपने पर विश्वास करो, और संदेह भगा दो | पूर्ण तुम्हारा मनोमिष्ट क्या कभी न होगा? होगा तो बस अभी, नहीं तो कभी न होगा, देख रहे हो श्रेष्ट समय के क्किस सपने को छलते हो यो हाय ! स्वयं ही क्यों अपने को| तुच्छ कभी तुम न समझो एक पल को भी पल – पल से ही बना हुआ जीवन को मानो तुम इसके सद्व्यय रूप नीर सिंचन के द्ववारा हो सकता है सफल जन्मतरु यहाँ तुम्हारा| ऐसा सुसमय भला और कब तुम पाओगे खोकर पीछे इसे सर्वथा तुम पछताओगे, तो इसमें वह काम नहीं क्यों तुम कर जाओ हो जिसमे परमार्थ तथा तुम भी सुख पओगे|
Answer;
चर्चा के लिए दिया गया विषय वास्तव में बहुत संवेदनशील और गहरा है। आज़ादी मिलने के बाद भी देश की हालत इतनी ख़राब है तो उस आज़ादी की क्या ज़रूरत है। जिस देश में लड़कियां नहीं बचती हैं और भ्रष्टाचार उच्च स्तर पर है। लोग खुश नहीं हैं।