1022 (अ) निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 250 शब्दों में निबंध लिखिय
(4) जल संरक्षण
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पृथ्वी पूरे ब्रह्माण्ड का एकमात्र ऐसा ग्रह है जहाँ पानी और जीवन आज की तारीख तक मौजूद है। इसलिये, हमें अपने जीवन में जल के महत्व को दरकिनार नहीं करना चाहिये और सभी मुमकिन माध्यमों के प्रयोग से जल को बचाने की पूरी कोशिश करनी चाहिये। पृथ्वी लगभग 71% जल से घिरी हुई है हालांकि, पीने के लायक बहुत कम पानी है। पानी को संतुलित करने का प्राकृतिक चक्र स्वत: ही चलता रहता है जैसे वर्षा और वाष्पीकरण। हालांकि, धरती पर समस्या पानी की सुरक्षा और उसे पीने लायक बनाने की है जोकि बहुत ही कम मात्रा में उपलब्ध है। जल संरक्षण लोगों की अच्छी आदत से संभव है।
हमें जल क्यों बचाना चाहिये
नीचे, हमने कुछ तथ्य दिये हैं जो आपको बतायेगें कि आज हमारे लिये साफ पानी कितना मूल्यवान बन चुका है:
बहुत सारे लोग जो पानी से होने वाली बीमारियों के कारण मर रहें हैं, 4 मिलियन से ज्यादा हैं।
साफ पानी की कमी और गंदे पानी की वजह से होने वाली बीमारियों से सबसे ज्यादा विकासशील देश पीड़ित हैं।
एक दिन के समाचार पत्रों को तैयार करने में लगभग 300 लीटर पानी खर्च हो जाता है, इसलिये खबरों के दूसरे माध्यमों के वितरण को बढ़ावा देना चाहिये।
पानी से होने वाली बीमारियों के कारण हर 15 सेकेण्ड में एक बच्चा मर जाता है।
पूरे विश्व में लोगों ने पानी के बॉटल का इस्तेमाल शुरु कर दिया है जिसकी कीमत $60 से $80 बिलियन प्रति साल है।
भारत, अफ्रीका और एशिया के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को साफ पानी के लिये लंबी दूरी (लगभग 4 कि.मी. से 5कि.मी.) तय करनी पड़ती है।
भारत में पानी से होने वाली बीमारी के वजह से लोग ज्यादा पीड़ित हैं जिसकी वजह से बड़े स्तर पर भारत की अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है।जल बचाव के तरीके
जीवनशैली में बिना किसी बदलाव के पानी बचाने के कुछ बेहतरीन तरीकों को हमने आपसे साझा किये। घर का कोई सदस्य घरेलू कार्यों के लिये रोज लगभग 240 लीटर पानी खर्च करता है। एक चार सदस्यों वाला छोटा मूल परिवार औसतन 960 लीटर प्रतिदिन और 350400 लीटर प्रतिवर्ष खर्च करता है। रोजाना पूरे उपभोग का केवल 3% जल ही पीने और भोजन पकाने के लिये उपयोग होता है बाकी का पानी दूसरे कार्यों जैसे पौधों को पानी देना, नहाना, कपड़े धोना आदि में इस्तेमाल होता है।
जल बचाव के कुछ सामान्य नुस्ख़े:
सभी को अपनी खुद की जिम्मेदारी को समझना चाहिये और पानी और भोजन पकाने के अलावा पानी के अधिक उपयोग से बचना चाहिये।
अगर धीरे-धीरे हम सभी लोग गार्डन को पानी देने से, शौच में पानी डालने से, साफ-सफाई आदि के लिये पानी की बचत करने लगेगें, प्रति अधिक पानी का बचत संभव होगी।
हमें बरसात के पानी को शौच, लाँड्री, पौधौ को पानी आदि के उद्देश्य लिये बचाना चाहिये।
हमें बरसात के पानी को पीने और भोजन पकाने के लिये एकत्रित करना चाहिये।
हमें अपने कपड़ों को केवल धोने की मशीन में धोना चाहिये जब उसमें अपनी पूरी क्षमता तक कपड़े हो जाएँ। इस तरीके से, हम 4500लीटर पानी के साथ ही बिजली भी प्रति महीने बचा लेंगे।
फुहारे से नहाने के बजाय बाल्टी और मग का प्रयोग करें जो प्रति वर्ष 150 से 200लीटर पानी बचायेगा।
हमें हर इस्तेमाल के बाद अपने नल को ठीक से बंद करना चाहिये जो 200 लीटर पानी हर महीने बचायेगा।
होली त्योहार के दौरान पानी के अत्यधिक इस्तेमाल को कम करने के लिये सूखी और सुरक्षित को बढ़ावा देना चाहिये।
जल बर्बादी से हमें खुद को बचाने के लिये अपने जीने के लिये जल की एक-एक बूंद के लिये रोज संघर्ष कर रहे लोगों की खबरों के बारे में हमें जागरुक रहना चाहिये।
जागरुकता फैलाने के लिये हमें जल संरक्षण से संबंधित कार्यक्रमों को बढ़ावा देना चाहिये।
गर्मी के मौसम में कूलर में अधिक पानी बर्बाद न होने दें, केवल जरुरत भर का ही इस्तेमाल करें।
हमें पाइप के द्वारा लॉन, घर या सड़कों पर पानी डालकर नष्ट नहीं करना चाहिये।
पौधारोपण को वर्षा ऋतु में लगाने के लिये प्रेरित करें जिससे पौधों को प्राकृतिक रुप से पानी मिलें।
हमें अपने हाथ, फल, सब्जी आदि को खुले हुए नल के बजाय पानी के बर्तन से धोने की आदत बनानी चाहिये।
हमें दोपहर के 11 बजे से 4 बजे तक पौधों को पानी देने से बचना चाहिये क्योंकि उस समय उनका वाष्पीकरण हो जाता है। सुबह या शाम के समय पानी देने से पौधे पानी को अच्छे से सोखते हैं।
हमें पौधरोपण को बढ़ावा देना चाहिये जो सुखा सहनीय हो।
हमें पारिवारिक सदस्यों, बच्चों, मित्रों, पड़ोसियों और सह-कर्मचारियों को सकारात्मक परिणाम पाने के लिये अपने अंत तक यही प्रक्रिया अपनाने या करने के लिये प्रेरित करना चाहिये।
निष्कर्ष
धरती पर जीवन का सबसे जरूरी स्रोत जल है क्योंकि हमें जीवन के सभी कार्यों को निष्पादित करने के लिये जल की आवश्यकता है जैसे पीने, भोजन बनाने, नहाने, कपड़ा धोने, फसल पैदा करने आदि के लिये। बिना इसको प्रदूषित किये भविष्य की पीढ़ी के लिये जल की उचित आपूर्ति के लिये हमें पानी को बचाने की जरुरत है। हमें पानी की बर्बादी को रोकना चाहिये, जल का उपयोग सही ढंग से करें तथा पानी की गुणवत्ता को बनाए रखें।