10आरोग्य विषयक चांगल्या सवयी
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नियमितपणे केलेल्या एखाद्या कृतीला सवय म्हटले जाते. माणसाला अनेक सवयी असतात. बोलण्यातून, वागण्यातून त्या प्रतिबिंबित होत असतात. सवयी चांगला, वाईट या दोन्ही विभागात मोडतात. चांगल्या सवयींचे कौतुक केले जाते, त्या आचरण्याचा सल्ला दिला जातो, तर काही वेळा त्या आदर्श मानल्या जातात. दुसरीकडे वाईट सवयी टाळण्याचा सल्ला दिला जातो. माणसाला होत असलेला फायदा, लाभ, नुकसान, संस्कृती, परंपरा, प्रथा, चालिरिती, सामाजिक तत्त्व, विचार, आचार अशा काही परिमाणांवरून एखादी सवय चांगली किंवा वाईट ठरत असते. कोणतीही सवय काम राहतेच, असे नाही. काळानुरूप त्यात बदल होत असतात. किंबहुना चांगल्या, वाईटच्या ठोकताळ्याप्रमाणे माणूस त्या बदलत असतो. काही सवयींमुळे आपल्याला फायदा होत असतो, तर काही सवयींमुळे तोटा होतो. काही सवयी समाजासाठी चांगल्या असतात, तर काही सवयी समाजविघातक ठरू शकतात. कौटुंबिक आणि सामाजिक सवयींवरून आपले व्यक्तिमत्त्व पडताळले जात असते. मात्र, आपल्या सवयींवरून आपल्या कुंडलीतील ग्रहदोषाचा आपल्याला अंदाज लावता येऊ शकतो. ज्योतिषशास्त्रात याबाबत सांगण्यात आले आहे, चला तर मग जाणून घेऊया...
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Answer:
1. कहीं भी बाहर से घर आने के बाद, किसी बाहरी वस्तु को हाथ लगाने के बाद, खाना बनाने से पहले, खाने से पहले, खाने के बाद और बाथरूम का उपयोग करने के बाद हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोएं। यदि आपके घर में कोई छोटा बच्चा है तब तो यह और भी जरूरी हो जाता है। उसे हाथ लगाने से पहले अपने हाथ अच्छे से जरूर धोएं।
2. घर में सफाई पर खास ध्यान दें, विशेषकर रसोई तथा शौचालयों पर। पानी को कहीं भी इकट्ठा न होने दें। सिंक, वॉश बेसिन आदि जैसी जगहों पर नियमित रूप से सफाई करें तथा फिनाइल, फ्लोर क्लीनर आदि का उपयोग करती रहें। खाने की किसी भी वस्तु को खुला न छोड़ें। कच्चे और पके हुए खाने को अलग–अलग रखें। खाना पकाने तथा खाने के लिए उपयोग में आने वाले बर्तनों, फ्रिज, ओवन आदि को भी साफ रखें। कभी भी गीले बर्तनों को रैक में नहीं रखें, न ही बिना सूखे डिब्बों आदि के ढक्कन लगाकर रखें।
3. ताजी सब्जियों–फलों का प्रयोग करें। उपयोग में आने वाले मसाले, अनाजों तथा अन्य सामग्री का भंडारण भी सही तरीके से करें तथा एक्सपायरी डेट वाली वस्तुओं पर तारीख देखने का ध्यान रखें।
4. बहुत ज्यादा तेल, मसालों से बने, बैक्ड तथा गरिष्ठ भोजन का उपयोग न करें। खाने को सही तापमान पर पकाएं और ज्यादा पकाकर सब्जियों आदि के पौष्टिक तत्व नष्ट न करें। साथ ही ओवन का प्रयोग करते समय तापमान का खास ध्यान रखें। भोज्य पदार्थों को हमेशा ढंककर रखें और ताजा भोजन खाएं।
5. खाने में सलाद, दही, दूध, दलिया, हरी सब्जियों, साबुत दाल–अनाज आदि का प्रयोग अवश्य करें। कोशिश करें कि आपकी प्लेट में ‘वैरायटी ऑफ फूड‘ शामिल हो। खाना पकाने तथा पीने के लिए साफ पानी का उपयोग करें। सब्जियों तथा फलों को अच्छी तरह धोकर प्रयोग में लाएं।
6. खाना पकाने के लिए अनसैचुरेटेड वेजिटेबल ऑइल (जैसे सोयाबीन, सनफ्लॉवर, मक्का या ऑलिव ऑइल) के प्रयोग को प्राथमिकता दें। खाने में शकर तथा नमक दोनों की मात्रा का प्रयोग कम से कम करें। जंकफूड, सॉफ्ट ड्रिंक तथा आर्टिफिशियल शकर से बने ज्यूस आदि का उपयोग न करें। कोशिश करें कि रात का खाना आठ बजे तक हो और यह भोजन हल्का–फुल्का हो।
7. अपने विश्राम करने या सोने के कमरे को साफ–सुथरा, हवादार और खुला–खुला रखें। चादरें, तकियों के गिलाफ तथा पर्दों को बदलती रहें तथा मैट्रेस या गद्दों को भी समय–समय पर धूप दिखाकर झटकारें।
8. मेडिटेशन, योगा या ध्यान का प्रयोग एकाग्रता बढ़ाने तथा तनाव से दूर रहने के लिए करें।
9. कोई भी एक व्यायाम रोज जरूर करें। इसके लिए रोजाना कम से कम आधा घंटा दें और व्यायाम के तरीके बदलते रहें, जैसे कभी एयरोबिक्स करें तो कभी सिर्फ तेज चलें। अगर किसी भी चीज के लिए वक्त नहीं निकाल पा रहे तो दफ्तर या घर की सीढ़ियां चढ़ने और तेज चलने का लक्ष्य रखें। कोशिश करें कि दफ्तर में भी आपको बहुत देर तक एक ही पोजीशन में न बैठा रहना पड़े।10. दिल को हमेशा सकारात्मक सोच व ऊर्जा व प्रसन्नता से भरा रखें तभी पूर्ण शरीर स्वस्थ रहेगा व दिमाग में व्यर्थ के नकारात्मक विचारों को न आने दें।