10examples of Atishyokti alankar ....
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धनुष उठाया ज्यों ही उसने, और चढ़ाया उस पर बाण |धरा–सिन्धु नभ काँपे सहसा, विकल हुए जीवों के प्राण।
भूप सहस दस एकहिं बारा। लगे उठावन टरत न टारा।।
.परवल पाक, फाट हिय गोहूँ
चंचला स्नान कर आये, चन्द्रिका पर्व में जैसे। उस पावन तन की शोभा, आलोक मधुर थी ऐसे।।
मैं बरजी कैबार तू, इतकत लेती करौंट। पंखुरी लगे गुलाब की, परि है गात खरौंट।
Please mark me as brainlist.
भूप सहस दस एकहिं बारा। लगे उठावन टरत न टारा।।
.परवल पाक, फाट हिय गोहूँ
चंचला स्नान कर आये, चन्द्रिका पर्व में जैसे। उस पावन तन की शोभा, आलोक मधुर थी ऐसे।।
मैं बरजी कैबार तू, इतकत लेती करौंट। पंखुरी लगे गुलाब की, परि है गात खरौंट।
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Thanks.... But I want five more
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