11. आदर्श विद्यार्थी वही कहा जा सकता है जिसमें
| सबसे पहला गुण विनम्रता हो। अपने गुरुजनों के प्रति
श्रद्धा का भाव तथा निरंतर ज्ञान-प्राप्ति की जिज्ञासा
प्राप्ति हो। यह विद्यार्थी जीवन की पहली सीढ़ी है।
महर्षि दयानंद जी ने स्वामी विरजानंद जी के कठोर
व्यवहार को श्रद्धा तथा विनम्रता से सिर झुकाकर
सहन किया और गुरु से ज्ञान प्राप्त करने में सफल रहे।
अनुशासनप्रिय छात्र का जीवन नियमित होता है।
अनुशासित जीवन भविष्य के लिए भी हितकर होता है।
परिश्रमी होना विद्यार्थी जीवन का सबसे बड़ा आभूषण
है। एकाग्र भाव से, तन्मयतापूर्ण समर्पण के साथ अध्ययन
करना उसका प्रमुख धर्म होता है।
(क) उचित शीर्षक दें।
(
(ख) आदर्श विद्यार्थी में क्या गुण होते हैं ?
(ग) विद्यार्थी जीवन की पहली सीढ़ी क्या
होती है ?
(घ) महर्षि दयानंद जी ज्ञान प्राप्त करने में कैसे
सफल रहे?
(ङ) विद्यार्थी का मुख्य धर्म क्या होता है?
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आदर्श विद्यार्थी (क) ka answer
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