Hindi, asked by devkhatkar777, 1 month ago

11. हरिवंशराय बच्चन द्वारा रचित 'अग्निपथ कविता का प्रतिपादय स्पष्ट कीजिए ​

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Answered by hasanakram9350
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अग्निपथ! भावार्थ : अग्निपथ कविता की इन पंक्तियों में हरिवंशराय बच्चन जी ने कहा है कि मनुष्य को अपने कर्म की राह पर चलते हुए कभी नहीं थकना चाहिए। ... आगे कवि कहते हैं कि मनुष्य को अपने जीवन में ये शपथ लेनी चाहिए कि वह कभी भी अपने कर्म के मार्ग से मुड़ेगा नहीं, चाहे उसके रास्ते कितने ही कठिन क्यों ना हों।

Answered by madhvitiwari094
1

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हरिवंशराय बच्चन द्वारा रचित 'अग्निपथ कविता का प्रतिपादय स्पष्ट कीजिए

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