11. (क) संघ-पोरीफेरा के सामान्य लक्षण लिखिए। अथवा
पाँच जगत वर्गीकरण को संक्षेप में समझाइए।
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zkya krna cash rhe ho is questions me
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क्विक रिविज़न जंतु विज्ञान सामान्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
संघ पोरिफेरा Phylum Porifera
February 25, 2018 admin 27769 Views 1 Comment
उपजगत मेटाजोआ Subkingdom Metazoa
संघ पोरिफेरा (Phyllum Porifera): पोरिफेरा ग्रीक भाषा के दो शब्द Poros = Pore, Ferre = to bear से मिलकर बना है। इसका अर्थ छिद्र धारक होता है। पोरीफेरा शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम रॉबर्ट ग्राण्ट (Robert Grant) ने 1825 ई. में किया था। इस संघ में आने वाले जन्तुओं को साधारणतः स्पंज (sponge) कहा जाता है। इस संघ के जन्तुओं के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं-
ये बहुकोशिकीय जलीय (Multicellular aquatic) जन्तु होते हैं जो साधारणतः चट्टान या किसी ठोस पदार्थ पर रहते हैं।
इनकी आकृति अनियमित, बेलनाकार, अंडाकार या शाखीय होती है।
इनके शरीर में ऊतक नहीं बनते।
इस संघ के जन्तुओं की शरीर भित्ति (Body wan) में अनेक छिद्र पाये जाते हैं जिन्हें ऑस्टिया (Ostia) कहते हैं। शरीर के अग्र सिरे पर एक बड़ा छिद्र पाया जाता है जिसे ओस्कुलम (Osculum) कहते हैं।
ये अत्यंत साधारण बहुकोशिकीय जीव हैं जिनमें नाल तंत्र (Canal system) पाया जाता है जिसकी सहायता से सम्पूर्ण शरीर में जल प्रवाहित होता है। ये द्विलिंगी (Bisexual) होते हैं।
इनमें पुनरुद्भवन (Regeneration) of क्षमता होती है।
शरीर कठोर बाह्य ककाल से ढंका होता है। कंकाल में काँटे के समान कुछ रचनाएँ होती हैं जिन्हें स्पिकूल्स (spicules) कहते हैं।
ये स्पिकूल्स कैल्सियम कार्बोनेट या सिलिका के बने होते हैं।
Explanation:
5 जगत :-
a) प्रकाश संश्लेषी प्रोटिस्टा : इनमे शैवाल आते है तथा हरित लवक पाया जाता है उदाहरण - युग्लीना (इसे पादप तथा जन्तु के बीच की कड़ी कहा जाता है)। b) अपघटनी प्रोटिस्टा : इनमे हरित लवक नही पाया जाता है। ... c) प्रोटोजोआ प्रोटिस्टा : पेरामिसियम , अमीबा। 3) कवक जगत(Fungi kingdom