11. काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए- (क) किस दावानल की ज्वालाएँ हैं दीखीं? (ख) तेरे गीत कहावें वाह , रोना भी है मुझे गुनाह! देख विषमता तेरी-मेरी, बजा रही तिस पर रणभेरी।
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क )भाव सौंदर्य -कवि ने अपनी प्रश्रान्मकश शैली से कोयल के कष्ट का अनुमान लग रहा है। कोयल ने ऐसा क्या देख लिया कि जिसके कारण वह इतनी व्यथित है। शिल्प सौदार्या - भाषा मे सहजता और सरलता है। .
ख )प्रस्तुत काव्य पंक्तियों में कवि ने अपने तथा कोयल के जीवन की विषमताओं की ओर संकेत किया है कवि ने यह तकुबदी का प्रयोग किया है अपनी तथा कोयल की जीवन की तुलना की है तथा सरल भाषा का प्रयोग किया है।
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