Hindi, asked by mayankbudhwar1995, 7 months ago

11. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए एवं उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
हमारे हरि हारिल की लकरी।
मन क्रम बचन नंद-नंदन उर, यह दृढ़ करि पकरी।
जागत सोवत स्वप्न दिवस-निसि, कान्ह-कान्ह जक री।
सुनत जोग लागत है ऐसो, ज्यौं करुई ककरी।
सुतौ ब्याधि हमकौं लै आए, देखी सुनी न करी।
यह तौ 'सूर' तिनहिं लै सौंपों, जिनके मन चकरी।।
गोपियाँ कृष्ण
को 'हारिल की लकरी' क्यों बताती हैं?
(ii) कृष्ण के वियोग में गोपियों की क्या दशा हो गई है?
(ii) योग को किसके समान बताया गया है?
(iv) अनुप्रास अलंकार का एक उदाहरण छाँटकर लिखिए।
(V) जिनके मन चकरी' से कार्वे का क्या भाराप
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Answers

Answered by ranurai58
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I) answer

गोपियाँ कृष्ण द्वारा प्रेम की मर्यादा का उल्लंघन की बात कर रही हैं। इसका कारण यह है कि प्रेम में सर्वस्व-समर्पण की भावना होती है, स्वयं पीड़ा सहते हुए भी अपने प्रिय की प्रसन्नता का ध्यान रखा जाता है। कृष्ण को हारिल का लकड़ी कहकर गोपियों ने अपने प्रेम की दृढ़ता को प्रकट किया है।

ii) answer

कृष्ण को संबोधन देते हुए गोपियां कहती हैं कि हे कन्हाई!

तुम्हारे वियोग में हम दिन-रात रोती रहती हैं। रोते रहने के कारण इन नेत्रों में काजल भी नहीं रह पाता अर्थात् वह भी आंसुओं के साथ बहकर हमारे कपोलों (गालों) को भी श्यामवर्णी कर देता है। हे श्याम! हमारी कंचुकि (चोली या अंगिया) आंसुओं से इतनी अधिक भीग जाती है कि सूखने का कभी नाम ही नहीं लेती। फलत: वक्ष के मध्य से परनाला-सा बहता रहता है। इन निरंतर बहने वाले आंसुओं के कारण हमारी यह देह जल का स्त्रोत बन गई है, जिसमें से जल सदैव रिसता रहता है। सूरदास के शब्दों में गोपियां कृष्ण से कहती हैं कि हे श्याम! तुम यह तो बताओ कि तुमने गोकुल को क्यों भुला दिया है

iii) answer

गोपियां योग को कड़वी ककड़ी के समान बताती है क्योंकि उनके लिए योग साधना तो मानसिक रोग के समान है जिसे गोपियों ने न कभी पहले सुना था और न देखा था।

iv) answer

अनुप्रास अलंकार

  • हमारे हरि हारिल
  • जैकेट सोवत स्वप्न दिवस निसि,
  • करुई ककरी
  • नंद-नंदन

v) answer

जिनका मन चंचल है अर्थात जो किसी एक के प्रति आस्थावान नहीं हैं।

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