11 प्राचीन युग की बात है। एक प्रसिद्ध गुरुकुल था। उसमें आचार्य बहुत विद्वान थे। एक दिन उन्होंने अपने शिष्यों की परीक्षा लेनी चाही। उन्होंने सभी शिष्यों को गुरुकुल के मैं ने प्रांगण में एकत्रित किया और उनसे कहा हे प्रिय छात्रों! तुम्हें यहाँ एक विशेष प्रयोजन से बुलाया है। मेरे सामने एक समस्या आ गई है। मेरी कन्या विवाह योग्य हो गई है और विवाह करने के लिए मेरे पास पर्याप्त धन नहीं है। मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूं? " कुछ विद्यार्थी आगे बढ़ कर बोले हम अपने माता-पिता से धन माँग लायेंगे। आप उसे गुरु दक्षिणा के रूप में स्वीकार कर लीजिये। " गुरु आश्चर्य में बोले - " नहीं मैं चाहता हूं कि तुम धन तो ले आओ पर माँगकर नहीं। तुम इस प्रकार लावो कि किसी को पता भी ना चले और मेरा काम भी हो जाए और लाज भी रह जाएगी। "
01) किस युग की बात है?
02) गुरुकुल के आचार्य कैसे थे?
03) एक बार उन्होंने क्या चाहा)
04) आचार्य की समस्या क्या थी?
05) छात्रों ने आचार्य से धन किस रूप में स्वीकार करने के लिए कहा?
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प्रयोजन से बुलाया है। मेरे सामने एक समस्या आ गई है। मेरी कन्या विवाह योग्य हो गई है और विवाह करने के लिए मेरे पास पर्याप्त धन नहीं है। मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूं? " कुछ विद्यार्थी आगे बढ़ कर बोले हम अपने माता-पिता से धन माँग लायेंगे। आप उसे गुरु दक्षिणा के रूप में स्वीकार कर लीजिये। " गुरु आश्चर्य में बोले - " नहीं मैं चाहता हूं
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prachin yug ki baat h
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बहुत विद्वान थे
उ- ३
अपने शिष्यों की परीक्षा
उ-४
उनकी बेटी विवाह योग्य हो गई थी
उ -५
गुरु दक्षिणा के रूप में
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