11. 'प्रगीत और समाज' साहित्य की किस विधा की रचना है ?
(A)
आलोचनात्मक निबंध
(B)
ललित निबंध
(C)
आत्मकथा
(D)
निबंध
Answers
सही जवाब है...
(A) आलोचनात्मक निबंध
♦ ’प्रगीत और समाज’ साहित्य की ‘आलोचनात्मक निबंध’ विधा की रचना है।♦
स्पष्टीकरण:
‘प्रगीत और समाज’ हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार ‘नामवर सिंह’ द्वारा लिखित एक आलोचनात्मक निबंध है। आधुनिक आलोचनात्मक निबंधों को उन्होंने एक नई दिशा दी। वे आलोचनात्मक निबंध लेखक डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी से प्रेरित रहे हैं। ‘प्रगीत और समाज’ नाम के इस निबंध के माध्यम से डॉ नामवर सिंह ने कवि और आलोचक दोनों की सार्थकता के उदाहरण पेश किए हैं। उन्होंने यह बताया है कि जो कविता सामाजिक नहीं होती या वैयक्तिक अथवा आत्मकपरक होती है, वह लिरिक (Lyric) यानि प्रगीत काव्य की कोटि में आती है> प्रगीत धर्मी कविताएं ना तो सामाजिक यथार्थ की अभिव्यक्ति के लिए पर्याप्त समझी जाती हैं और ना उनसे उसकी अपेक्षा की जाती है> इस तरह इस निबंध के माध्यम से उन्होंने कविताओं और गीतों का आलोचनात्मक विवेचन प्रस्तुत किया है।
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Answer:
Explanation:
A