Hindi, asked by rj7169118, 1 month ago

1115 शब्द गुण कितने प्रकार के होते हैं?​

Answers

Answered by afsana620ali
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शब्द गुण ➲

‘शब्द गुण’ से तात्पर्य किसी काव्य में प्रयुक्त होने वाले उन शब्दों से होता है, जो हमें रस का अनुभव कराते हैं। जिन तत्वों के कारण काव्य में रस का उत्सर्ग होता है और हमें काव्य में रस की अनुभूति होती है, काव्य की शोभा बढ़ाने वाले ऐसे तत्वों को ‘शब्द गुण’ कहा जाता है।

उदाहरण के लिए...

रोटी की सोंधी सुगंध, फूलों की भीनी भीनी महक, चाँद सा मुखड़ा आदि।

शब्द गुण के तीन भेद होते हैं...

✧ माधुर्य गुण

✧ प्रसाद गुण

✧ ओज गुण

माधुर्य गुण ➲

जिस काव्य को सुनकर या पढ़कर मन पुलकित हो जाए और कानों में मधुरता की अनुभूति हो, वह काव्य ‘माधुर्य गुण’ से परिपूर्ण होता है।

जैसे...

मैया मोरी! मैं नहिं माखन खायो।

ख्याल परै ये सखा सबै मिलि मेरैं मुख लपटायो॥

ओज गुण ➲

जिस काव्य को सुनकर या पढ़कर चित्त की वृत्ति में उत्तेजना जागृत हो. वह काव्य ‘ओज गुण’ से परिपूर्ण होता है।

जैसे...

वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!

सामने पहाड़ हो सिंह की दहाड़ हो

तुम निडर डरो नहीं तुम निडर डटो वहीं

प्रसाद गुण ➲

जिस काव्य को सुनकर या पढ़कर हृदय प्रभावित हो, बुद्धि में निर्मलता आये, मन में पवित्रता का एहसास हो, वो काव्य ‘प्रसाद गुण’ से परिपूर्ण होता है।

जैसे...

प्रभु जी तुम चंदन हम पानी। जाकी अंग-अंग बास समानी॥

प्रभु जी तुम घन बन हम मोरा। जैसे चितवत चंद चकोरा॥

प्रभु जी तुम दीपक हम बाती। जाकी जोति बरै दिन राती॥

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