Math, asked by balramsahum, 4 months ago

12) फ्रांसीसी क्रांति के तात्कालिक कारण क्या था ?
अथवा फ्रांसीसी समाज मे महिलाओं का जीवन कैसा था?
13) बोल्शेविको ने अक्टूबर क्रांति के फौरन बाद कौन व
किन्ही चार बिन्दुओं को लिखिए।
अथवा निम्नलिखित में से कोई एक बारे में टिप्पणी लिखें?
2. उदावादी 3. स्टालिनक
14) भारत के उत्तरी मैदान पर एक संक्षिप्त टिपपणी लिखि
अथवा भारत के प्रमुख भू-आकृतिक विभाग कौन कौन से
लिखिए?
15) शिक्षित बेरोजगारी किसे कहते हैं? आज की शिक्षा प्र
समस्या कोटा करने के लिए जी
1. ड्यूमा​

Answers

Answered by alihusain40
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Step-by-step explanation:

  • फ्रांस की क्रांति का एक महत्वपूर्ण कारण सामाजिक असमानता थी। मेडलिन के अनुसार, " 1789 इसवी की क्रांति का विद्रोह तानाशाही से अधिक समानता के प्रति थी।" फ्रांस की क्रांति के समय फ्रांस में समाज में अत्यधिक असमानता व्याप्त थी। समाज दो वर्गों में विभाजित था विशेषाधिकार वाले वर्ग में कुलीन लोग और पादरी थे।फ्रांसीसी समाज में अधिकांश महिलाएं जीवन निर्वाह के लिए काम करती थीं। वह सिलाई-बुनाई जैसे कार्य करतीं, कपड़ों की धुलाई करती, बाजारों में फल-फूल सब्जियां बेचती थीं। संपन्न घरों के घरेलू कार्य करती थीं। बहुत सी महिलाएं वेश्यावृत्ति का भी कार्य करती थी।
  • बोल्शेविकों ने अक्तूबर क्रांति के फौरन बाद कौन-कौन-से प्रमुख परिवर्तन किए? (क) बोल्शेविक निजी संपत्ति के पक्षधर नहीं थे अतः अधिकतर उद्योगों एवं बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। (ख) भूमि को सामाजिक संपत्ति घोषित कर दिया गया और किसानों को उस भूमि पर कब्जा करने दिया गया जिस पर वे काम करते थे।
  • उदारवाद (Liberalism) वह विचारधारा है जिसके अंतर्गत मनुष्य को विवेकशील प्राणी मानते हुए सामाजिक संस्थाओं के मनुष्यों की सूझबूझ और सामूहिक प्रयास का परिणाम समझा जाता है। उदारवाद की उतपति को 17वी शताब्दी के प्रारंभ से देखा जा सकता हैं। जॉन लॉक को उदारवाद का जनक माना जाता है। आरंभिक उन्नायकों में एडम स्मिथ और जेरमी बेंथम के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।[1]
  • भारत का उत्तरी मैदान उत्तर में हिमालय तथा दक्षिण में प्रायद्वीपीय पठार से निकलने वाली नदियों द्वारा बहाकर लायी गयी मिट्टी से बना है। इस मिट्टी को जलोढ़क कहते हैं। इसीलिए इस मैदान को जलोढ़ मैदान कहते हैं। इस मैदान के उत्तर में हिमालय पर्वत स्थित है और दक्षिणी भाग में पठार का विस्तार है।
Answered by kshitijgrg
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Answer:

गूच के अनुसार, "फ्रांस की क्रांति यूरोप के इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना थी किंतु वास्तव में फ्रांस की क्रांति केवल फ्रांस और यूरोप के इतिहास की ही नहीं वरन संपूर्ण मानव जाति के इतिहास में भी महत्वपूर्ण घटना थी इस क्रांति ने लोगों के समक्ष स्वतंत्रता समानता तथा भ्रातृत्व  के आदर्श विचार प्रस्तुत किए जो आज विश्व के कोने-कोने तक पहुंच चुके हैं फ्रांस की क्रांति केवल सैनिकों की ही नहीं अपितु विचारों की भी लड़ाई थी।"

        क्रांति कभी अचानक नहीं होती और संयोग वस्तु कभी भी नहीं। एक छोटी सी घटना सुरंग में चिंगारी का कार्य कर आग तो प्रज्वलित कर सकती है परंतु सुरंग का पहले से ही बारुद में भरा होना नितांत आवश्यक है। फ्रांस की क्रांति में भी ऐसा ही कुछ हुआ। क्रांति रूपी सुरंग तो दो शताब्दियों पूर्व से ही तैयार होने प्रारंभ हो गई थी 1789 ईस्वी में उसे केवल विस्फोट कर दिया गया।  यद्यपि उस समय यूरोप के सभी   देशों की स्थिति एक समान थी परंतु फ्रांस की स्थिति सर्वाधिक सोचनीय थी और यही कारण था कि सर्वप्रथम फ्रांस में ही क्रांति शुरू हुई। इस क्रांति ने फ्रांस की काया ही पलट दी। धनवान तथा निर्धनों का भेदभाव ही मिटा देने का प्रयत्न किया गया जमींदारों तथा पादरियों की सत्ता को समाप्त कर दिया गया।

  • राजनीतिक कारण:

1) लुई 14 वें के उत्तराधिकारी -  फ्रांस का राजा लुई 14वें एक निरंकुश शासक था, वह एक योग्य व्यक्ति था उसके शासनकाल में फ्रांस की उन्नति चरम सीमा पर पहुंच गई थी, परंतु अंत में अनेक युद्ध के कारण तथा सप्त वर्षीय युद्ध के कारण आर्थिक स्थिति सोचनीय हो गई थी। उसने अपने पोते लुई 15वें से अपनी मृत्यु के समय यह शब्द कहे थे- "मेरे बच्चे अपने पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण कराने का प्रयत्न करना जितना जल्दी हो सके लोगों को छुटकारा देने का यत्न करना और इस प्रकार यह कार्य पूरा करना जिससे दुर्भाग्यवश मैं पुरा न कर सका।"

2) दोषमुक्त शासन  व्यवस्था -  फ्रांस की क्रांति का एक अन्य एवं प्रमुख कारण वहां की बुरी शासन व्यवस्था थी। राजा देश का प्रधान था और वास्तु अनुसार आचरण करता था। लुई 14वें का विचार था कि देश की सरोज सत्ता व्यक्तिगत रूप से उसी में है ; जहां देशभर से दरबार के पीछे और निरर्थक कार्यों में भाग लेने कुलीन लोग आते थे। कहा गया था कि दरबार देश का मकबरा है। एक्टन ने लुई 16वें के शासन को The Era of Repentant Monarcy कहा है।

      करों को वसूल करने की प्रणाली भी अत्यधिक दोषपूर्ण थी। राज्य स्वयं अपने अधिकारों द्वारा कर वसूल नहीं करवाता था अपितु यह अधिकार सबसे अधिक बोली देने वाले व्यक्ति को दिया जाता था परिणाम स्वरूप जहां  व्यक्ति राज्य को एक निश्चित रकम देते थे वहीं दूसरी ओर जनता से अधिक से अधिक धन वसूल करने का प्रयत्न करते थे। जहां एक ओर जनता का शोषण किया जाता था वही सभी ओर राज्य को कोई लाभ ना होता था। सुखी कुलीन वर्ग वा पादरी कर नहीं देते थे अंततः संपूर्ण भोज साधारण वर्ग पर ही पड़ता था। फ्रांस के संपूर्ण शासन व्यवस्था को ही सुधारना आवश्यक था।

  • सामाजिक कारण:

फ्रांस की क्रांति का एक महत्वपूर्ण कारण सामाजिक असमानता थी। मेडलिन के अनुसार, "1789 ई. की क्रांति का विद्रोह तानाशाही से अधिक समानता के प्रति थी।"  फ्रांस की क्रांति के समय फ्रांस में समाज में अत्यधिक असमानता व्याप्त थी। समाज दो वर्गों में विभाजित था, विशेषाधिकार वाले वर्ग में कुलीन लोग और पादरी थे। जहां एक ओर इन्हें विशेषाधिकार प्राप्त थे, वहीं दूसरी ओर वह करों आदि से विमुक्त थे, यह फ्रांस में प्रसिद्ध था। "सरदार लड़ते हैं, पादरी प्रार्थना करते हैं, जनता व्यय का भार उठाती है।"

     अनुमान लगाया जाता है कि करों को देने के पश्चात फ्रांस के किसान के पास अपनी उपज का कुल 20% भाग शेष रह जाता था। फ्रांस के कुछ भागों में किसान इन करो को चुकाने के पश्चात किसी तरह का निरहुआ कर लेते थे परंतु शेष भाग में उनकी दशा अत्यंत शोचनीय थी। अच्छी से अच्छी फसल के उपरांत भी वे अपना निर्वाह करने में स्वयं को सामर्थ पाते थे। कहा जाता है कि फ्रांस में जनता का 9/10 भाग भूख से और 1/10 भाग अधिक खाने से मरा। '

यद्यपि रिशलू  ने सत्र में शताब्दी में नोबल्स की राजनीतिक शक्तियां समाप्त कर दी थी किंतु इसे कुलीन वर्ग में साधारण और के लिए और भी घृणा उत्पन्न हो गई। मैरियट ने इस विषय में लिखा है, "1789 ईसवी की क्रांति के लिए रिशलू बहुत अधिक उत्तरदाई था।"

  • आर्थिक कारण:

 फ्रांस की दयनीय आर्थिक अवस्था फ्रांस की क्रांति का प्रमुख कारण थी। कहा गया है कि फ्रांस की क्रांति को शीघ्र लाने का उत्तरदायित्व आर्थिक कारणों पर था और दार्शनिक विद्वानों द्वारा तैयार किया गया बारूद आर्थिक कारणों के द्वारा भड़काया गया था। लुई 14वें के युद्ध ने देश की आर्थिक व्यवस्था को अत्याधिक सोचनीय बना दिया था। जिस समय उसकी मृत्यु हुई उस समय देश की आर्थिक व्यवस्था अत्यंत खराब थी।

#SPJ3

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