Hindi, asked by rd483428, 10 months ago

12. लेखक के पिता बचपन मे उसे क्या कहकर
Tpoin
पुकारते थे
नाथ
भोलानाथ
अमरनाथ
शिव​

Answers

Answered by rp3993668
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एक इंसान की शख्सियत तराशने में बहुत से लोगों का हाथ होता है. जैसे उसके जीन, माता पिता, परिवार के दूसरे लोग, स्कूल, यार-दोस्त उसके आस पास के वो लोग जिनके साथ उसका उठना बैठना होता है. इसके अलावा और भी बहुत से कारण होते हैं जो किसी इंसान का किरदार तय करते

Answered by akankshabharatiyasl
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Answer:

लेखक के पिता बचपन मे उसे भोलेनाथ कहकर पुकारते थे l

Explanation:

माता का आँचल l

माता से बच्चे का ममत्व का रिश्ता होता है। वह चाहे अपने पिता से कितना प्रेम करता हो या पिता अपने बच्चे को कितना भी प्रेम देता हो पर जो आत्मीय सुख माँ की छाया में प्राप्त होता है वह पिता से प्राप्त नहीं होता। भोलानाथ का अपने पिता से अपार स्नेह था पर जब उस पर विपदा आई तो उसे जो शांति व प्रेम की छाया अपनी माँ की गोद में जाकर मिली वह शायद उसे पिता से प्राप्त नहीं हो पाती। माँ के आँचल में बच्चा स्वयं को सुरक्षित महसूस करता है। लेखक ने इसलिए पिता पुत्र के प्रेम को दर्शाते हुए भी इस कहानी का नाम माँ का आँचल रखा है।

भोलानाथ व उसके साथी खेल के लिए आँगन व खेतों पर पड़ी चीजों को ही अपने खेल का आधार बनाते हैं। उनके लिए मिट्टी के बर्तन, पत्थर, पेड़ों के पत्ते, गीली मिट्टी, घर के समान आदि वस्तुए होती थी जिनसे वह खेलते व खुश होते। परन्तु आज हमारे खेलने का सामान इन सब वस्तुओं से भिन्न है। हमारे खेलने के लिए आज क्रिकेट का सामान, भिन्न−भिन्न तरह के वीडियो गेम व कम्प्यूटर गेम आदि बहुत सी चीज़ें हैं जो इनकी तुलना में बहुत अलग हैं। भोलानाथ जैसे बच्चों की वस्तुए सुलभता से व बिना मूल्य खर्च किए ही प्राप्त हो जाती हैं परन्तु आज के बच्चों की खेल सामग्री मूल्य खर्च करने पर ही प्राप्त होती है।

आपने देखा होगा कि भोलानाथ और उसके साथी जब−तब खेलते−खाते समय किसी न किसी प्रकार की तुकबंदी करते हैं। आपको यदि अपने खेलों आदि से जुड़ी तुकबंदी याद हो तो लिखि l

#SPJ3

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