12. निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
(3+3+3+3=12)
(क) 'नमक का दारोगा' कहानी में पंडित अलोपीदीन के व्यक्तित्व है कौन से दो पहलू (पक्ष)
उभरकर आते हैं ? लिखिए।
(अंक 3)
(ख) . 'गलता लोहा' पाठ के आधार पर पहाड़ी गांवो की समस्याओं पर विचार विश्लेषण कीजिए।
(ग) मियां नसीरूद्दीन के व्यक्तित्व और चरित्र की विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए। (अंक 3)
(घ) 'गलता लोहा' पाठ के आधार पर मोहन के चरित्र पर प्रकाश डालिए।
(अंक 3)
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Explanation:
- 'नमक का दारोगा' कहानी में पंडित अलोपीदीन के व्यक्तित्व के कौन से दो पहलू (पक्ष) उभरकर आते हैं? एक – पैसे कमाने के लिए नियमविरुद्ध कार्य करनेवाला भ्रष्ट व्यक्ति। ... दो – कहानी के अंत में उसका उज्ज्वल चरित्र सामने आता है। ईमानदारी एवं धर्मनिष्ठा के गुणों की कद्र करनेवाला व्यक्ति।
- गलता लोहा कहानी में समाज के जातिगत विभाजन पर कई कोणों से टिप्पणी की गई है। ... मोहन का व्यक्तित्व जातिगत आधार पर निर्मित झूठे भाईचारे की जगह मेहनतकशों के सच्चे भाईचारे को प्रस्तावित करता प्रतीत होता है मानो लोहा गलकर नया आकार ले रहा हो। मोहन के पिता वंशीधर ने जीवनभर पुरोहिती की।
- व्यक्तित्व – वे बड़े ही बातूनी और अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बननेवाले बुजुर्ग थे। उनका व्यक्तित्व बड़ा ही साधारण-सा था, पर वे बड़े मसीहाई अंदाज़ में रोटी पकाते थे। स्वभाव – उनके स्वभाव में रुखाई अधिक और स्नेह कम था। वे सीख और तालीम के विषय में बड़े स्पष्ट थे।
- गलता लोहा शेखर जोशी की कहानी-कला को एक प्रतिनिधि नमूना है। ... मोहन का व्यक्तित्व जातिगत आधार पर निर्मित झूठे भाईचारे की जगह मेहनतकशों के सच्चे भाईचारे की प्रस्तावना करता प्रतीत होता है, मानो लोहा गलकर एक नया आकार ले रहा हो।
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