12. निम्नलिखित में से किसी भी एक विषय पर अधिकतम (150 शब्द) निबंधलिखिए।
(क) महात्मा गाँधी
(ख) कम्प्यूटर
7
(ग) पर्यावरण प्रदूषण (घ) समाचार-पत्र
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- पर्यावरण प्रदूषण से पहले हमें यह समझना होगा कि प्रदूषण क्या होता है। दूषित पदार्थो के कारण प्रकृति में जो समस्या उत्पन्न होती है, उसे प्रदूषण कहते हैं। और जब पर्यावरण के सभी घटक यथा वायु, जल, मृदा आदि प्रदूषित होने लगते हैं तो वे पर्यावरण प्रदूषण की श्रेणी में आ जाते हैं। पर्यावरण प्रदूषण आज की सबसे बड़ी समस्या है। जिसके लिए सभी का जागरुक होना अति आवश्यक है। अब विविध परीक्षाओं में भी, यह विषय लिखने को दिया जाता है। यह आजकल का ज्वलंत विषय है। जिसे ध्यान में रखते हुए हम यहाँ कुछ छोटे-बड़े निबंध उपलब्ध करा रहें हैं।
- जलवायु परिवर्तन के कारण हरितगृह (ग्रीनहाउस) प्रभाव और वैश्विक ताप में वृध्दि, ओजोन परत का क्षय होना, अम्लीय वर्षा होना, भूस्खलन, मृदा का क्षरण आदि चीजें होती हैं, जिसे पर्यावरण का प्रदूषित होना कहते हैं। मनुष्य ने अपने और पर्यावरणीय स्वास्थ्य की कीमत पर प्रकृति के धन का दोहन किया है। इसके अलावा, जो प्रभाव अब तेजी से उभर रहा है, वह सब सैकड़ों या हजारों वर्षों से मनुष्यों की गतिविधियों के कारण है।
- इन सबसे ऊपर, अगर हम पृथ्वी पर जीवित रहना और अपना जीवन जारी रखना चाहते हैं, तो हमें उपाय करने होंगे। ये उपाय हमारी अगली पीढ़ी के भविष्य के साथ-साथ हमें सुरक्षित बनाने में मदद करेंगे।
⚘पर्यावरण का अर्थ :
- पर्यावरणीय प्रदूषण को समझने से पूर्व यह समझना जरुरी है कि, पर्यावरण क्या है और हमें कैसे प्रभावित करता है। ‘‘हर्षकोविट्स’’ के शब्दों में-
- पर्यावरणीय प्रदूषण को समझने से पूर्व यह समझना जरुरी है कि, पर्यावरण क्या है और हमें कैसे प्रभावित करता है। ‘‘हर्षकोविट्स’’ के शब्दों में-‘‘पर्यावरण संपूर्ण वाह्य परिस्थितियों एवं प्रभावों का जीवधारियों पर पड़ने वाला सम्पूर्ण प्रभाव है जो उनके जीवन विकास एवं कार्य को प्रभावित करता है।’’
- पर्यावरणीय प्रदूषण को समझने से पूर्व यह समझना जरुरी है कि, पर्यावरण क्या है और हमें कैसे प्रभावित करता है। ‘‘हर्षकोविट्स’’ के शब्दों में-‘‘पर्यावरण संपूर्ण वाह्य परिस्थितियों एवं प्रभावों का जीवधारियों पर पड़ने वाला सम्पूर्ण प्रभाव है जो उनके जीवन विकास एवं कार्य को प्रभावित करता है।’’पर्यावरण प्रदूषण आज हमारे ग्रह पर मानवता और अन्य जीवन रूपों का सामना करने वाली सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है। पर्यावरण प्रदूषण को पृथ्वी / वायुमंडल प्रणाली के भौतिक और जैविक घटकों के संदूषण के रुप में परिभाषित किया जाता है। सामान्य पर्यावरणीय प्रक्रियाएं प्रतिकूल रूप से प्रभावित होती हैं। प्रदूषक प्राकृतिक रूप से पदार्थ या ऊर्जा हो सकते हैं, लेकिन अधिक मात्रा में होने पर उन्हें दूषित माना जाता है। प्राकृतिक संसाधनों की किसी भी दर का उपयोग प्रकृति द्वारा स्वयं को पुनर्स्थापित करने की क्षमता से अधिक होने पर वायु, जल और भूमि के प्रदूषण का परिणाम हो सकता है।
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समाचार पत्र :-
Explanation:
- भूमिका - आज समाचार पत्र जीवन का एक आवश्यक अंग बन गया है । समाचार पत्र की शक्ति असीम है। प्रजातंत्र साशन में तो इसका और भी महत्व है
- भूमिका - आज समाचार पत्र जीवन का एक आवश्यक अंग बन गया है । समाचार पत्र की शक्ति असीम है। प्रजातंत्र साशन में तो इसका और भी महत्व हैसमाज सुधार - समाचार पत्र सामाजिक कुरीतियां दूर करने में बड़े सहायक है । समाचार पत्रों की खबरे बड़ों बड़ों के मिजाज ठीक कर देती है । सरकारी नीति के प्रकाश और उसके खंडन का समाचार पत्र सुंदर साधन है । इनके द्वारा सशन में सुधार भी किया जा सकता है ।
- हानियां - समाचार पत्र से कोई हानि भी न होती हो, ऐसी बात भी नहीं है । प्राय: पूंजीपति समाचार पत्रों के मालिक होते है और ये अपना ही प्रचार करते है । कुछ ऐसे समाचार पत्र है जिनका एकमात्र उददेश्य सरकार का विरोध करना है । ये दोनों बातें उचित नहीं है
- उपसंहार - आधुनिक युग में समाचार पत्र का बड़ा महत्व है , पर उसका उतरदायित्व भी है कि उसके समाचार निष्पक्ष हो, किसी विशेष पार्टी या पूंजीपति के स्वार्थ का साधन ना बने ।
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