Science, asked by suniljha5432189, 3 months ago

12. प्राकृतिक पारितंत्र मानव निर्मित पारितंत्र से अधिक स्थिर क्यों है ?​

Answers

Answered by deepaktandan199
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Answer:

पारितंत्र के घटक

पारितंत्र के घटकों को दो समूहों में बांटा गया है।

(क) अजैविक तथा (ख) जैविक

पारितंत्र के घटक

(क) अजैविक घटक (निर्जीव): अजैविक घटकों को निम्नलिखित तीन वर्गों में विभाजित किया गया हैः

(I) भौतिक कारक (Physical factor): सूर्य का प्रकाश, तापमान, वर्षा, आर्द्रता तथा दाब। यह पारितंत्र में जीवों की वृद्धि को सीमित और स्थिर बनाए रखते हैं।

(II) अकार्बनिक पदार्थः कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, फ़ास्फ़ोरस, सल्फर, जल, चट्टान, मिट्टी तथा अन्य खनिज।

(III) कार्बनिक पदार्थः कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, लिपिड तथा ह्यूमिक पदार्थ यह सजीव तंत्र के मूलभूत अंग हैं और इसीलिये ये जैविक तथा अजैविक घटकों के बीच की कड़ी हैं।

पारितंत्र के कार्य

पारितंत्र जटिल परिवर्तनात्मक तंत्र है। ये विशिष्ट कार्य करते हैं जो इस प्रकार हैं:-

(i) खाद्य शृंखला में ऊर्जा का प्रवाह।

(ii) पोषकों का चक्रण (भूजैवरासायनिक चक्र)।

(iii) पारिस्थितिकीय अनुक्रम या पारितंत्र का विकास।

(iv) समस्थापन (या संतांत्रिका, cybernetic) या पुनर्भरण नियंत्रण प्रणालियाँ तालाब, झीलें, चरागाह, दलदल, घास के मैदान, मरुस्थल और जंगल प्राकृतिक पारितंत्र के उदाहरण हैं। आप लोगों में से कुछ ने अपने पड़ोस में एक्वेरियम, बगीचा या लॉन इत्यादि देखा होगा। ये मानव निर्मित पारितंत्र हैं।

पारितंत्र के प्रकार

पारितंत्रों का वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया जाता हैः

(i) प्राकृतिक पारितंत्र (Natural ecosystem) (ii) मानव निर्मित पारितंत्र (Human modified ecosystem)

(i) प्राकृतिक पारितंत्र

(क) पूर्ण रूप से सौर विकिरण पर निर्भर। उदाहरण, जंगल, घास के मैदान, समुद्र, झील, नदियाँ और मरुस्थल। इनसे हमें भोजन, ईंधन, चारा तथा औषधियां प्राप्त होती हैं।

(ख) पारितंत्र सौर विकिरण तथा ऊर्जा सहायकों (वैकल्पिक स्रोत) जैसे हवा, वर्षा और ज्वार-भाटा पर निर्भर होता है। उदाहरण- उष्णकटिबंधीय वर्षा वन, ज्वारनद मुख, कोरल रीफ (मूंगा चट्टान)

(ii) मानव निर्मित पारितंत्र

(क) सौर-ऊर्जा पर निर्भर- उदाहरणः खेत और एक्वाकल्चर तालाब।

(ख) जीवाश्म ईंधन पर निर्भर उदाहरण- नगरीय और औद्योगिक पारितंत्र।

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