Hindi, asked by geetagosain13, 8 months ago

129
(भाग-2)
में ब्रह्म' को जानकर पक्का 'ब्राह्मण' बनने की कोशिशें होती-ब्रह्म जानाति ब्राह्मणः!
महत्वपूर्ण गद्यांशों के अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
नजाने वह कौन-सी प्रेरणा थी, जिसने मेरे ब्राह्मण का गर्वोन्नत सिर उस तेली के निकट झुका दिया था। जब-जब वह सामने आता,
मैं झुककर उससे राम-राम किए बिना नहीं रहता। माना, वे मेरे बचपन के दिन थे, किंतु ब्राह्मणता उस समय सोलहो कला से पर
सवार थी। दोनों शाम संध्या की जाती, गायत्री का जाप होता, धूप-हवन जलाए जाते, चंदन-तिलक किया जाता और इन सारी चेष्टाओं
वेयर इज दिस लाइन हिंदी एनसीआरटी चैप्टर ​

Answers

Answered by Faizanrashid65
0

Explanation:

रामानंद शास्त्री : पक्षी लक्ष्मण शास्त्री : : अब्दुल कलाम : ...............

Similar questions