13 'भाया की अर्थवान स्वतंत्र इकाई है, तो वाक्य में प्रयुक्त शब्द 'पद' है। वाक्य में आए 'पदों' का विस्तृत व्याकरणिक परिचय पद-परिचय देने के लिए शब्दों के भेद, उपभेद, लिंग, वचन, कारक आदि का भी परिचय देना होता है। पद-परिचय में करना ही पद-परिचय कहलाता है। लिखित बातें बताई जानी चाहिए : महा-संज्ञा के तीनों भेद (जातिवाचक, व्यक्तिवाचक, भाववाचक), लिंग, वचन, कारक तथा क्रिया के साथ उसका संबंध (यदि सर्वनाम-सर्वनाम के भेद (पुरुषवाचक, निश्चयवाचक, अनिश्चयवाचक, संबंधवाचक, प्रश्नवाचक), पुरुष, लिंग, वचन, कारक (विशेषण-विशेषण के भेद (गुणवाचक, परिमाणवाचक, संख्यावाचक, सार्वनामिक), लिंग, वचन, विशेष्य (जिसकी विशेषता तमा क्रिया के साथ उसका संबंध। (शिया-भेद (अकर्मक, सकर्मक, प्रेरणार्थक, समस्त, संयुक्त, नामिक, पूर्वकालिक, मिश्र आदि),लिंग, वचन, पुरुष, धातु, काल, जियाविशेषण-भेद (रीतिवाचक, स्थानवाचक, कालवाचक, परिमाणवाचक) तथा उस क्रिया का उल्लेख जिसकी विशेषता मध्य, प्रयोग, कर्ता व कर्म का संकेत। (समुच्चयबोधक-भेद (समानाधिकरण, व्यधिकरण) जिन शब्दों, पदों, वाक्यों को मिला रहा है उनका उल्लेख। संबंधबोधक-भेद, जिसमें संबंध है उन संज्ञा/सर्वनामों का निर्देश। विस्मयादिबोधक-भेद तथा कौन-सा भाव प्रकट कर रहा है। परिचय से पूर्व सभी पदों का संक्षिप्त परिचय अपेक्षित है। मता रहा है)। मिता रहा है। विकारी शब्द जा, सर्वनाम, विशेषण तथा क्रिया शब्द 'विकारी' कहे जाते हैं, क्योंकि इनके वाक्य में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न रूप मिलते हैं। 1. संज्ञा 2. मदन घोड़े की सवारी कर रहा है। 4. क्रोध मनुष्य को पागल बना देता है। 1. हरीश का घर दिल्ली में है। के किनारे पर बसा हुआ है।
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'भाया की अर्थवान स्वतंत्र इकाई है, तो वाक्य में प्रयुक्त शब्द 'पद' है। वाक्य में आए 'पदों' का विस्तृत व्याकरणिक परिचय पद-परिचय देने के लिए शब्दों के भेद, उपभेद, लिंग, वचन, कारक आदि का भी परिचय देना होता है। पद-परिचय में करना ही पद-परिचय कहलाता है। लिखित बातें बताई जानी चाहिए : महा-संज्ञा के तीनों भेद (जातिवाचक, व्यक्तिवाचक, भाववाचक), लिंग, वचन, कारक तथा क्रिया के साथ उसका संबंध (यदि सर्वनाम-सर्वनाम के भेद (पुरुषवाचक, निश्चयवाचक, अनिश्चयवाचक, संबंधवाचक, प्रश्नवाचक), पुरुष, लिंग, वचन, कारक (विशेषण-विशेषण के भेद (गुणवाचक, परिमाणवाचक, संख्यावाचक, सार्वनामिक), लिंग, वचन, विशेष्य (जिसकी विशेषता तमा क्रिया के साथ उसका संबंध। (शिया-भेद (अकर्मक, सकर्मक, प्रेरणार्थक, समस्त, संयुक्त, नामिक, पूर्वकालिक, मिश्र आदि),लिंग, वचन, पुरुष, धातु, काल, जियाविशेषण-भेद (रीतिवाचक, स्थानवाचक, कालवाचक, परिमाणवाचक) तथा उस क्रिया का उल्लेख जिसकी विशेषता मध्य, प्रयोग, कर्ता व कर्म का संकेत। (समुच्चयबोधक-भेद (समानाधिकरण, व्यधिकरण) जिन शब्दों, पदों, वाक्यों को मिला रहा है उनका उल्लेख। संबंधबोधक-भेद, जिसमें संबंध है उन संज्ञा/सर्वनामों का निर्देश। विस्मयादिबोधक-भेद तथा कौन-सा भाव प्रकट कर रहा है। परिचय से पूर्व सभी पदों का संक्षिप्त परिचय अपेक्षित है। मता रहा है)। मिता रहा है। विकारी शब्द जा, सर्वनाम, विशेषण तथा क्रिया शब्द 'विकारी' कहे जाते हैं, क्योंकि इनके वाक्य में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न रूप मिलते हैं। 1. संज्ञा 2. मदन घोड़े की सवारी कर रहा है। 4. क्रोध मनुष्य को पागल बना देता है। 1. हरीश का घर दिल्ली में है। के किनारे पर बसा हुआ है।
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okay its best qमक, पूवकालिक, मिश्र आदि),लिंग, वचन, पुरुष, धातु, काल, अंट (अकर्मक, सकमक,प्रा होग, कर्ता व कर्म का संकेत। -भेद (रीतिवाचक,...
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Explanation:
its explanatio. is that it मक, पूवकालिक, मिश्र आदि),लिंग, वचन, पुरुष, धातु, काल, अंट (अकर्मक, सकमक,प्रा होग, कर्ता व कर्म का संकेत। -भेद (रीतिवाचक,...
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