13) जीवन के गीत लिखो
हम सीखेंगे- सहज बुद्धि, विवेक, सकारात्मक सोच, समस्या समाधान,
प्रकृति के विभिन्न उपादानों के प्रति सजगता।
जीवन के गीत लिखो
कितनी भी पीड़ा हो
तुम हँसते मीत दिखो।
संकल्पी आँखों में
aw
सूरज के सपने ले
अँधियारी रातों में
एक दीया जला दो
पलकों पर जो ठहरे
आँसू उनको भी तुम
मोती-सी कीमत दो
अंतस का प्यार दो
और नई रीत लिखो।...
जीवन के गीत लिखो।
मुक्त गगन में उड़कर
धरती पर जो आया
पंछी से पूछो तो
घोंसला ही क्यों भाया
छेद हृदय में गहरे
कितने भी हों लेकिन
बाँसुरी से पूछो तो
मन उसका क्यों गाया?
दर्द सहो और हँसो।
जीवन के गीत लिखो।
कितनी भी पीड़ा हो
तुम हँसते मीत दिखो।
डॉ० चंद्र कुमार जैन
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very good poem nice
please mark me briantlisy
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