13. निम्नलिखिताब्दी के लिंग परिव
कीजिये-
वधु-वर
TA
सुवा- मुक्ती
A
HOP
नारी
महाशय-
जेठ-जेठानी
KHET
पुरुष किया
TIS
पूजारी-
नग -
अध्यापक-
कोलक-
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Explanation:
निम्नलिखिताब्दी के लिंग परिव
कीजिये-
वधु-वर
TA
सुवा- मुक्ती
A
HOP
नारी
महाशय-
जेठ-जेठानी
KHET
पुरुष किया
TIS
पूजारी-
नग -
अध्यापक-
कोलक-कर्नाटक सरकार ने फ़ैसला लिया है कि वो लिंगायत समुदाय को एक अलग धर्म के रूप में दर्जा देने की सिफ़ारिश केंद्र सरकार के पास भेजेगी.
सरकार के इस फ़ैसले के अड़तालीस घंटे बाद मेरे मित्र के घर पर काम करने वाली महिला के मन में सवाल उठते हैं.
वो कहती हैं, "मुझे नहीं पता अम्मा मैं हिंदू हूं या लिंगायत. मैं परेशान हूं, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है."
ये सवाल केवल उनके मन में नहीं है जो लोगों के घरों में काम करती हैं और फिर मंदिर या मठ में जाकर ईश्वर से प्रार्थना करती हैं.
उनके जैसे कई लोग हैं जो अब ये सोचने के लिए बाध्य हो गए हैं कि वो वीरशैव लिंगायत हैं या लिंगायत हैं.
आपको ये भी रोचक लगेगाएक सिक्के के दो पहलू
व्यवसायी संतोष केनचंबा ने बीबीसी से कहा, "मेरे लिए वीरशैव लिंगायत और लिंगायत एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. हम कर्नाटक के ग्रामीण इलाकों में पले-बढ़े हैं और बचपन से ये मानते आए हैं कि हम वीरशैव और लिंगायत दोनों ही हैं. हम दोनों की संस्कृतियों और आस्थाओं का आदर करते हैं और उनका पालन करते हैं."
केनचंबा कहते हैं, "हमने उनके वचनों (12वीं सदी के जाने-माने दार्शनिक और संत बासवेश्वरा के वचनों) को सुना है. हम इष्ट लिंग की पूजा (आत्मा को ईश्वर मानते हैं) भी करते हैं. हम संक्रांति, उगाड़ी, बासवा जयंती और अन्य त्योहार मनाते हैं. मैं दोनों को एक जैसा ही मानता हूं."
केनचंबा की समस्या ये है कि उन्हें इसमें "कोई संदेह नहीं है कि वो क्या हैं, लेकिन कई लोग उनसे सवाल करते हैं कि वो वीरशैव हैं या लिंगायत."
आख़िर वीरशैव लिंगायत और लिंगायत कौन हैं और ईश्वर की प्रार्थना के संबंध में उनके क्या तरीके हैं?
हिन्दू धर्म से क्यों अलग होना चाहते हैं लिंगायत?
कर्नाटक सत्ता की कुंजी, जातियों के पास?शोषण के ख़िलाफ़ दर्शन
डॉक्टर चिन्मया चिगाटेरी कहते हैं, "उस वक्त समाज में जिस तरह का शोषण था बासवेश्वरा का दर्शन उसी के अनुरूप था. उन्होंने कहा था कि मंदिर में जाकर ईश्वर से प्रार्थना करने के लिए आपको किसी पंडित या मध्यस्थ की ज़रूरत नहीं है. आप ख़ुद अपने लिए पूजा करने में सक्षम हैं. पंडित भगवान तक आपकी पहुंच बनाने के लिए होता है."
हालांकि चिगाटेरी कहते हैं, "ये एक अन्य धर्म की तरह शुरू नहीं हुआ था. ये बस एक अलग दृष्टिकोण था. आप कह सकते हैं कि हमलोग कुछ-कुछ प्रोटेस्टैंट हिंदू की तरह हैं. हम रूढ़िवादी व्यवस्था को मानना नहीं चाहते. लेकिन हम किसी धर्म की जगह अन्य धर्म की बात भी नहीं करते."
तो चिन्मया चिगाटेरी ख़ुद को क्या कहते हैं- हिंदू या लिंगायत?
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Answer:
पुजारी – पुजारीन
अध्यापक- अध्यापिका
नारी - नर
पुरुष - स्त्री