13.निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्न का उत्तर लिखें।
हमारा मानव बनकर जन्म लेना प्रकृति का सबसे अनमोल उपहार है। सृष्टि की सबसे बुद्धिमान
और विवेकशील रचना होने के नाते हमारा कर्त्तवय है कि हम प्रत्येक पल सोच-समझकर चलें।
जीवन में हमसे कोई भूल या गलती हो भी जाए तो उससे सबक लेकर आगे बढ़े और पुनः उस
भूल को न करें। हमें सदैव ऊँचा देखना है किंतु यह भी ध्यान रखना है कि ऐसा करते समय
नीचे वाले के प्रति किसी भी प्रकार का अन्याय न हो। किसी निर्धन और लाचार का अहित
हमारे हाथों न हो। ईश्वर की कृपा से पद और प्रतिष्ठा मिली है तो अपने अधीन काम करने
वालों के हित का चितंन करना भी हमारा कर्त्तव्य है। हम मनुष्य हैं, प्रभु ने हमें बुद्धि के साथ
विवेक भी दिया है। इसलिए हमें किसी भी निर्णय को लेने से पहले उसके अच्छे बुरे परिणाम
को सोचकर ही अपना कर्म करना चाहिए।
प्रश्नः
क. मानव जीवन को सृष्टि में सबसे महत्वपूर्ण क्यों माना जाता है?
ख. यदि हमसे कोई भूल हो जाए तो क्या करना चाहिए?
ग. ऊँचे पद और प्रतिष्ठा पर पहुंचने पर हमें किस बात का ध्यान रखना चाहिए?
घ. "अनमोल' शब्द का अर्थ लिखें।
ड़. इस गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
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1 सृष्टि की सबसे बुद्धिमान
और विवेकशील रचना होने के नाते queston 2 ansजीवन में हमसे कोई भूल या गलती हो भी जाए तो उससे सबक लेकर आगे बढ़े और पुनः उस
भूल को न करें। 3 यह भी ध्यान रखना है कि ऐसा करते समय
नीचे वाले के प्रति किसी भी प्रकार का अन्याय न हो। 4 kemati
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