Hindi, asked by balwinderguru805, 2 months ago

13. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत बिन्दुओं के आधार पर लगभग 250-300 शब्दों में निबंध लिखिए:

(৪)

1. उमा यह प्रदूषण- भूमिका, प्रदूषण का अर्थ व प्रकार, बैज्ञानिक आविष्कार और उनसे उत्पन्न समस्याएं, प्रदूषण के कारण, प्रदूषण के दुष्प्रभाव, प्रदूषण की समस्या के समाधान, उपसंहार​

Answers

Answered by alauddinkhan17
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Answer:

मानव की विकास सम्बन्धी गतिविधियाँ जैसे भवन निर्माण, यातायात और निर्माण न केवल प्राकृतिक संसाधनों को घटाती है बल्कि इतना कूड़ा-कर्कट (अपशिष्ट) भी उत्पन्न करती हैं जिससे वायु, जल, मृदा और समुद्र सभी प्रदूषित हो जाते हैं। वैश्विक ऊष्मण बढ़ता है और अम्ल वर्षा बढ़ जाती है। अनुपचारित या अनुचित रूप से उपचारित अपशिष्ट (कूड़ा-कर्कट) नदियों के प्रदूषण और पर्यावरणीय अवक्रमण का मुख्य कारण है जिसके फलस्वरूप स्वास्थ्य का खराब होना और फसलों की उत्पादकता में कमी आती है। इस पाठ में आप प्रदूषण के प्रमुख कारणों, हमारे पर्यावरण पर पड़ने वाले उनके प्रभावों और विभिन्न उपायों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे, जिनसे इस प्रकार के प्रदूषणों को नियंत्रित किया जा सकता है।

उद्देश्य

इस पाठ के अध्ययन के समापन के पश्चात, आपः

- प्रदूषण और प्रदूषक शब्दों को परिभाषित कर सकेंगे ;

- विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों की सूची बना सकेंगे ;

- प्रदूषण के प्रकार, स्रोत, मानव स्वास्थ्य पर उनके दुष्प्रभाव और वायु प्रदूषण, अन्तः वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने का वर्णन कर सकेंगे ;

- जल प्रदूषण, उसके कारण और नियंत्रण का वर्णन कर पायेंगे ;

- तापीय (उष्मीय) प्रदूषण का वर्णन कर पायेंगे ;

- मृदा प्रदूषण, उसके कारण और नियंत्रण का वर्णन कर सकेंगे ;

- विकिरण (रेडिएशन) प्रदूषण, उसके स्रोत और खतरों (संकेतों) का वर्णन कर पायेंगे।

10.1 प्रदूषण और प्रदूषक पदार्थ

मानव गतिविधियाँ किसी न किसी प्रकार से पर्यावरण को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती ही हैं। एक पत्थर काटने वाला उपकरण वायुमंडल में निलंबित कणिकीय द्रव्य (Particulate matter, उड़ते हुए कण) और शोर फैला देता है। गाड़ियाँ (ऑटोमोबाइल) अपने पीछे लगे निकास पाइप से नाइट्रोजन, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोजन का मिश्रण भरा काला धुआँ छोड़ते हैं जिससे वातावरण प्रदूषित होता है। घरेलू अपशिष्ट (कूड़ा-कर्कट) और खेतों से बहाये जाने वाले कीटनाशक और रासायनिक उर्वरकों से युक्त दूषित पानी जल निकायों को प्रदूषित करता है। चमड़े के कारखानों से निकलने वाले बहिर्स्राव गंदे कूड़े और पानी में बहुत से रासायनिक पदार्थ मिले होते हैं और उनसे तीव्र दुर्गंध निष्कासित होती है।

ये केवल कुछ उदाहरण हैं जिनसे पता चलता है कि मानव गतिविधियाँ वातावरण को कितना प्रदूषित करती हैं। प्रदूषण (Pollution) को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है- ‘‘मानव गतिविधियों के फलस्वरूप पर्यावरण में अवांछित पदार्थों का एकत्रित होना, प्रदूषण कहलाता है। जो पदार्थ पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं उन्हें प्रदूषक (Pollutant) कहते हैं।’’ प्रदूषक वे भौतिक, रासायनिक या जैविक पदार्थ होते हैं जो अनजाने ही पर्यावरण में निष्कासित हो जाते हैं और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मानव-समाज और अन्य जीवधारियों के लिये हानिकारक होते हैं।

10.2 प्रदूषण के प्रकार

प्रदूषण के निम्नलिखित प्रकार हो सकते हैं:

- वायु प्रदूषण

- ध्वनि प्रदूषण

- जल प्रदूषण

- मृदा (भूमि) प्रदूषण

- तापीय प्रदूषण (थर्मल प्रदूषण)

- विकिरण प्रदूषण (रेडिएशन प्रदूषण)

10.3 वायु प्रदूषण (AIR POLLUTION)

वायु प्रदूषण औद्योगिक गतिविधियों और कुछ घरेलू गतिविधियों के फलस्वरूप होता है। ताप संयंत्रों, जीवाश्ममय ईंधन के निरन्तर बढ़ते प्रयोग, उद्योगों, यातायात, खनन कार्य, भवन-निर्माण और पत्थरों की खुदाई से वायु-प्रदूषण होता है। वायु प्रदूषण को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है कि वायु में किसी भी हानिकारक ठोस, तरल या गैस का, जिसमें ध्वनि और रेडियोधर्मी विकिरण भी शामिल हैं, इतनी मात्रा में मिल जाना जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मानव और अन्य जीवधारियों को हानिकारक रूप से प्रभावित करते हैं। इनके कारण पौधे, सम्पत्ति और पर्यावरण की स्वाभाविक प्रक्रिया बाधित होती है। वायु प्रदूषण दो प्रकार का होता है (1) निलंबित कणिकीय द्रव्य (निकले हुए ठोस कण) (2) गैस रूपी प्रदूषक जैसे कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), NOx आदि। कुछ वायु प्रदूषक, उनके स्रोत और उनके प्रभाव तालिका 10.1 में दिए गए हैं।

Answered by yukhtha2008
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Explanation:

प्रस्तावना : कोरोनावायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी घोषित कर दिया है। कोविड-19 का संक्रमण बहुत जल्दी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसलिए इस वायरस से बचाव के लिए सरकार द्वारा सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।

कोरोनावायरस क्या है?

कोरोनावायरस यह एक ऐसा संक्रमण है जिसमें व्यक्ति को सर्दी-जुकाम और सांस लेने जैसी समस्या हो सकती है। यदि किसी व्यक्ति को कोरोना हुआ है तो वायरस उस व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बहुत जल्दी ट्रांसफर होता है इसलिए इससे बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की सलाह दी जा रही है। सरकार सामाजिक दूरी बनाए रखने पर जोर दे रही है ताकि इस वायरस से बचा जा सके। यही कारण है कि पूरे देश में लॉकडाउन किया गया।

कोरोनावायरस के लक्षण?

इस बीमारी के लक्षणों की बात करें तो यह सामान्य सर्दी-जुकाम या निमोनिया जैसा होता है। इस वायरस का संक्रमण होने के बाद बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं होती हैं। यह वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में बहुत आसानी से फैलता है इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है। यह वायरस दिसंबर में सबसे पहले चीन में सामने आया था और तब से यह बड़ी तेजी से दूसरे देशों में भी

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