13. पित्त के रस में कोई पाचक एंजाइम नहीं होता है लेकिन फिर भी पाचन की प्रक्रिया में वह
महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस बात को सही ठहराइए।
अथवा
पक्षियों और स्तनधारियों में हृदय के बाएँ और दाएँ पक्ष अलग-अलग होते हैं। कारण बताइये।
(2.)
Answers
O पित्त के रस में कोई पाचक एंजाइम नहीं होता है लेकिन फिर भी पाचन की प्रक्रिया में वह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस बात को सही ठहराइए।
► पित्त रस में कोई पाचक एंजाइम नहीं होता लेकिन फिर भी यह पाचन की क्रिया के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पित्त रस पीलापन लिए हुए हल्के हरे रंग का क्षारीय तरल पदार्थ होता है। पित्त रस का pH लगभग 8 होता है। पित्त रस में लगभग 98% जल होता है और इसमें सोडियम कार्बोनेट भी होता है, जो अमाशय से आए पचे हुए भोजन में उपस्थित काइम को उदासीन कर देता है और उसे क्षारीय बना देता है। इसमें पित्तरस में भी होते हैं जो सोडियम ग्लायकोनेट और सोडियम टोरोकोलेट से बने होते हैं। यह पित्त लवणों का पायसी करते हैं। पित्त रस का हल्का पीलापन लिए हुए हरा रंग बिलिवर्डिन और बिलीरूबिन के कारण होता है। यह दोनों वर्णकों की उत्पत्ति घिस-पिट गये रक्त रोगाणुओं से उत्पन्न होते हैं। अतः स्पष्ट है कि पित्त रस में कोई पाचक एंजाइम ना होने के बावजूद यह पाचन क्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह वसाओं का पायसीकरण करता है।
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