(14) बाल महाभारत के बहुविकल्पीय प्रश्न
(1) हस्तिनापुर के राजा का नाम क्या था?
(क) शांतनु (ख) कृष्ण देव राय (ग) दशरथ
(2) गंगा के आठवें बच्चे का नाम क्या था?
(ग) देवदास
(क) देव। (ख) देवव्रत।
(3) गंगा के बाद शांतनु ने किस से विवाह किया?
(क) जमुना। (ख) गोदावरी
(ग) सत्यवती
(4) सत्यवती के पिता का नाम क्या था?
(क) केवट राज (ख) केशराज (ग) वेशराज
(5) शांतनु हस्तिनापुर के सिंहासन पर किसे बिठाना चाहते थे?
(क) नकुल (ख) सहदेव (ग) देवव्रत
Answers
Explanation:
भारत के सर्वाधिक शक्तिशाली शासक कृष्ण देवराय (1509 ई.-1529 ई.) :- राजा कृष्ण देवराय के पूर्वजों ने एक महान साम्राज्य की नींव रखी जिसे विजयनगर साम्राज्य (लगभग 1350 ई. से 1565 ई.) कहा गया। देवराय ने इसे विस्तार दिया और मृत्यु पर्यंत तक अक्षुण बनाए रखा। विजयनगर साम्राज्य की स्थापना इतिहास की एक कालजयी घटना है। 'विजयनगर' का अर्थ होता है 'जीत का शहर'।
इस राज्य की प्रमुख राजधानी का नाम हम्पी और डम्पी था। हम्पी के मंदिरों और महलों के खंडहरों को देखकर जाना जा सकता है कि यह कितना भव्य रहा होगा। इसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर में शामिल किया है। जिस तरह वर्तमान में न्यूयॉर्क, दुबई और हांगकाग विश्व व्यापार और आधुनिकता के शहर हैं, वैसे ही उस काल में हम्पी हुआ करता था। भारतीय इतिहास के मध्यकाल में दक्षिण भारत के विजयनगर साम्राज्य को लगभग वैसी ही प्रतिष्ठा प्राप्त थी, जैसी कि प्राचीनकाल में मगध, उज्जैनी या थाणेश्वर के साम्राज्य को प्राप्त थी।
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इस साम्राज्य के सबसे यशस्वी सम्राट कृष्ण देवराय की ख्याति उत्तर के चित्रगुप्त मौर्य, पुष्यमित्र, चंद्रगुप्त विक्रमादित्य, स्कंदगुप्त, हर्षवर्धन और महाराजा भोज से कम नहीं है। जिस तरह उत्तर भारत में महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी महाराज, बाजीराव और पृथ्वीराज सिंह चौहान आदि ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था, उसी तरह दक्षिण भारत में राजा कृष्ण देवराय और उनके पूर्वजों ने अपनी मातृभूमि की रक्षा और सम्मान को बचाने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था।
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साहित्यकार : कृष्ण देवराय कन्नड़ भाषी क्षेत्र में जन्मे ऐसे महान राजा थे, जिनकी मुख्य साहित्यिक रचना तेलुगु भाषा में रचित थी। कृष्ण देवराय तेलुगु साहित्य के महान विद्वान थे। उन्होंने तेलुगु के प्रसिद्ध ग्रंथ ‘अमुक्त माल्यद’ या 'विस्वुवितीय' की रचना की। उनकी यह रचना तेलुगु के पांच महाकाव्यों में से एक है। कृष्ण देवराय ने संस्कृत भाषा में एक नाटक ‘जाम्बवती कल्याण’ की भी रचना की थी। इसके अलावा संस्कृत में उन्होंने 'परिणय’, ‘सकलकथासार– संग्रहम’, ‘मदारसाचरित्र’, ‘सत्यवधु– परिणय’ भी लिखा।
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तेनालीराम : कृष्ण देवराय का अनुसरण करते हुए ही अकबर ने अपने नवरत्नों में बीरबल को रखा था। राजा कृष्ण देवराय के दरबार का सबसे प्रमुख और बुद्धिमान दरबारी था तेनालीराम। असल में उसका नाम रामलिंगम था। तेनाली गांव का होने के कारण उसे तेनालीराम कहा जाता था। तेनालीराम की बुद्धिमत्ता के चर्चे दूर-दूर तक थे और यह राजा कृष्ण देवराय का प्रमुख सलाहकार भी था। इसकी सलाह और बुद्धिमत्ता के कारण ही राज्य आक्रमणकारियों से तो सुरक्षित रहता ही था, साथ ही राज्य में इसके कारण कला और संस्कृति को भी बढ़ावा मिला था। यह विजयनगर साम्राज्य का चाणक्य था।
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'आंध्र भोज' : राजा भोज का नाम तो आपने सुना ही होगा। कृष्ण देवराय को 'आंध्र भोज' की उपाधि प्राप्त थी। इसके अलावा उन्हें 'अभिनव भोज', और 'आन्ध्र पितामह' भी कहा जाता था।
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कृष्ण देवराय का साम्राज्य : इस महान सम्राट का साम्राज्य अरब सागर से लेकर बंगाल की खाड़ी तक भारत के बड़े भूभाग में फैला हुआ था जिसमें आज के कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, केरल, गोवा और ओडिशा प्रदेश आते हैं। महाराजा के राज्य की सीमाएं पूर्व में विशाखापट्टनम, पश्चिम में कोंकण और दक्षिण में भारतीय प्रायद्वीप के अंतिम छोर तक पहुंच गई थीं। हिन्द महासागर में स्थित कुछ द्वीप भी उनका आधिपत्य स्वीकार करते थे। उनके राज्य की राजधानी हम्पी थी। हम्पी के एक और तुंगभद्रा नदी तो दूसरी ओर ग्रेनाइड पत्थरों से बनी प्रकृति की अद्भुत रचना देखते ही बनती है। इसकी गणना दुनिया के महान शहरों में की जाती है। हम्पी मौजूदा कर्नाटक का हिस्सा है।
कृष्ण देवराय के राज्य में आंतरिक शांति होने के कारण प्रजा में साहित्य, संगीत और कला को प्रोत्साहन मिला। जनता भी स्वतंत्रता से जीवनयापन करती थी, जिसके कारण कुछ लोग विलासी भी हो गए थे। मदिरालयों और वेश्यालयों पर कराधान होने के कारण इनका व्यापार स्वतंत्र था। अत्यधिक स्वतंत्रता का जनता ने खूब लाभ उठाया। जनता के बीच राजा लोकनायक की तरह पूजे जाते थे।
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बाबर से चुनौती मिलती रही, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
थे।
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Answer:
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Explanation:
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