(14)
हैं जनम लेते जगह में एक ही,
एक ही पौधा उन्हें है पालता।
रात में उन पर चमकता चाँद भी,
एक ही सी चाँदनी है डालता।।
मेह उन पर है बरसता एक-सा,
एक-सी उन पर हवाएँ बहीं।
पर सदा ही यह दिखाता है हमें,
ढंग उनके एक-से होते नहीं।।
छेदकर काँटा किसी की उँगलियाँ,
फाड़ देता है किसी का वर वसन।
प्यार-डूबी तितलियों का पर कतर,
भौर का है बेध देता श्याम तन।।
फूल लेकर तितलियों को गोद में,
भौंरे को अपना अनूठा रस पिला।
निज सुगंधों औ' निराले रंग से,
है सदा देता कली जी की खिला।।
(क) फूल और काँटे कहाँ जन्म लेते हैं?
(ख) फूल और काँटे को विकसित होने के लिए क्या-क्या समान चीजें मिलती हैं?
(ग) निर्देशानुसार उत्तर दीजिए-
(i) अंतिम पद के आधार पर बताइए कि फूल क्या कार्य करता है?
(1) प्रस्तुत काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
Answers
Explanation:
(क) फूल और कांटे एक ही जगह जन्म लेते हैं।
(ख) फूल और कांटे को विकसित करने के लिए एक समान चाँद की चाँदनी, बारिश का पानी और हवा मिलती है।
(ग) (i) फूल तितलियां को अपनी गोद में लेकर अपने फूलों का रस पिलाती है और फूलों सदैव हर जगह सुगंध फैलाते है।
(1) फूल और कांटे
Answer:
क) फूल और काँटे कहाँ जन्म लेते हैं?
उत्तर: फूल और काँटा एक ही पौधे पर जन्म लेते हैं।
(ख) फूल और काँटे को विकसित होने के लिए क्या-क्या समान चीजें मिलती हैं?
उत्तर: फूल और कांटे को विकसित करने के लिए एक समान चाँद की चाँदनी, बारिश का पानी और हवा मिलती है।
(ग) निर्देशानुसार उत्तर दीजिए-
(i) अंतिम पद के आधार पर बताइए कि फूल क्या कार्य करता है?
उत्तर: फूल तितलियां को अपनी गोद में लेकर अपने फूलों का रस पिलाती है और फूलों सदैव हर जगह सुगंध फैलाते है।
(ii) प्रस्तुत काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
उत्तर: फूल और कांटे !
Explanation:
शब्दार्थ
मेघ – बादल
अनूठा – अनोखा
कतरना – काटना
पर – पंख
सीस – सिर
जनम – जन्म
वसन – कपड़ा
सदा – हमेशा
सुर – देवता
निज – अपना
#SPJ3