Hindi, asked by riteshsah857, 3 months ago

14. 'या लकुटी अरू कामरिया पर राज तिहूँ पुर की तजि डारौं । इस पंक्ति
के रचनाकार हैं:​

Answers

Answered by khanabdulrahman30651
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Answer:

या लकुटी अरु कामरिया पर, राज तिहूँ पुर को तजि डारौं। आठहुँ सिद्धि, नवों निधि को सुख, नंद की धेनु चराय बिसारौं॥ रसखान कबौं इन आँखिन सों, ब्रज के बन बाग तड़ाग निहारौं।

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