Hindi, asked by agrawalranju26, 1 month ago

15.
आसमान में उड़ते पक्षी
(कविता) questions and answers

Answers

Answered by PrabhudevaRs
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Explanation:

‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ नामक कविता के कवि शिव मंगल सिंह ‘सुमन’ द्वारा रचित है l जिसमे आज़ादी की महत्व को प्रस्तुत किया है l पक्षियों की वाणी के माध्यम को प्रस्तुत किया है l पक्षियों की वाणी के माध्यम से इसे अपने भावों का आधार बनाया हैl खुले आसमान में उड़ते हुए आज़ाद पक्षी चहचहाते है l यदि उन्हे पिज़रे में बंद कर दिया जाए और सोने की कटोरी में पकवान भी दिए जाए तो वे अपने स्वाभविक रूप को खो देते है l वे पिज़रे में यदि गाते भी है ,तो केवल अपनी आज़ादी को ही पुकारते है l यदि सोने के पिज़रे में उन्हे बंद कर दिया जाए तो मुक्त होने के लिए वे अपने पंखों को पिज़रे की तीलियों से टकराकर घायल कर लेते है l पिज़रे में उनके लिए ये खुला आसमान, बहता पानी , पेड़ की डाल सब एक सपना मात्र होता है lयदि भगवान ने उन्हे उड़ने के लिए पंख दिए है तो उन्हे बांधकर नहीं रखना चाहिए l उन्हे खुले आकाश में छोड़ देना चाहिए l

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