15. शुक्र ने प्राचीन भारत के हिन्दू शासन पद्धति से सम्बन्धित ग्रंथ को क्या कहा है। (A) अर्थशास्त्र (B) वेद ज्ञान । (C) सावयव सिद्धान्त (D) नीतिशास्त्र
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good morning....शुक्रनीति, कौटिल्य के अर्थशास्त्र के समान मूलतः राजनीतिक प्रकृति का ग्रन्थ है इसमें शुक्र ने कौटिल्य एवं कामन्दक के समान ज्ञान की चार शाखाएँ - आन्वीक्षिकी, त्रयी, वार्ता एवं दण्डनीति को स्वीकार किया है। your answer is in this para...
इसका सही जवाब होगा :
(C) सावयव सिद्धान्त
व्याख्या :
शुक्र ने अपने ग्रंथ शुक्र नीति में हिंदू शासन पद्धति से संबंधित ग्रंथ को 'सावयव सिद्धांत' कहा है। प्राचीन भारतीय चिंतन में हिंदू शासन पद्धति को सप्तांग राज्य के रूप में व्याख्यायित किया गया है। शुक्र ने भी इसे माना है और इसे सावयव सिद्धांत कहा है।
शुक्र के अनुसार राज्य सात अंगों से बना होता है। यह सात अंग इस प्रकार हैं,
स्वामी, अमात्य, मित्र, कोष, राष्ट्र, दुर्ग और सेना।
शुक्र के अनुसार इन 7 अंगों के निर्माण से ही राज्य का निर्माण होता है, जिसमें स्वामी सिर, नेत्र अमात्य, कर्ण मित्र, कोष मुख, सेना मन, दुर्ग भुजाएं और राष्ट्र पैर का प्रतीक होते हैं।