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आवश्यक सुविधाओं से वंचित गाँव' विषय पर एक आलेख लिखिए।
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आवश्यक सुविधाओं से वंचित गाँव' विषय पर एक आलेख...
पिछले दिनों मुझे अपने नाना-नानी के गाँव जाने का अवसर मिला। इससे पहले नाना नानी हमारे घर ही आ जाते थे, इसलिए मुझे कभी उनका गाँव देखने का अवसर नहीं मिला था। जब पहली बार मैं अपने माता-पिता के साथ उनके गाँव जा रहा था तो मैं बेहद रोमांचित हो रहा था। मैंने किताबों में गाँव आदि के विषय में जो पढ़ा था उसकी कल्पना के अनुसार में गाँव की एक छवि मन में बनाए हुए था।
बस द्वारा मुख्य सड़क पर हमें छोड़ दिया गया वहाँ से गाँव हमें कच्चे रास्ते से जाना था। कच्चा रास्ता बेहद खराब था। हम तांगे से गाँव के लिए चल पड़े। तांगे पर हिचकोले खाते खाते मेरी हालत खराब हो गई। मुझे आश्चर्य हुआ कि आज विकास के इस दौर में कहीं पर कच्चे रास्ते भी हैं।
गाँव पहुंचने पर देखा कि गाँव के सारे रास्ते कच्चे थे। जगह-जगह कीचड़ भरा हुआ था। जैसे-तैसे हम अपनी नानी के घर पहुंचे। वहां पर बिजली का नामोनिशान नहीं था। नानी ने बताया कि बिजली केवल 3-4 घंटे के लिए आती है और बाकी पूरा दिन गायब रहती है।नानी के घर में पानी भी हैंडपंप के द्वारा जमीन से निकाला जाता था।
गांव में इंटरनेट जैसी कोई सुविधा नहीं थी। ना ही मोबाइल का कोई नेटवर्क ठीक प्रकार आ रहा था। पहले दिन हमने आराम किया, अगले दिन में पूरे गांव का भ्रमण करने निकला। पूरे गाँव का चक्कर लगाने के बाद मुझे अंदाजा हुआ कि इस गाँव की आबादी मुश्किल से 2000 थी। गांव में कोई भी अच्छा अस्पताल नहीं था। एक छोटा सा सरकारी स्वस्थ्य केंद्र था जो भी बंद पड़ा था। पूछने पर बताया डॉक्टर नही है, जो पहले डॉक्टर था वो थोड़े दिन में चला गया उसके बाद किसी नये डॉक्टर की नियुक्ति नही हुई। इस कारण स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़ा हुआ है। गाँव में पोस्ट ऑफिस भी नहीं था। गाँव में छोटी-छोटी जरूरत की दुकानें की। किसी बड़े जरूरत के लिए नजदीक के शहर जाना पड़ता था।
पूरे गाँव का जायजा लेने के बाद मुझे अंदाजा हुआ कि गाँव में जरूरी आवश्यक सुविधाओं का बेहद अभाव है। मेरी नानी ने बताया कि नेता लोग हमारे गाँव में चुनाव के समय ही आते हैं। उसके बाद उनके दर्शन कभी नहीं होते। इस कारण भी गाँव में विकास का नामोनिशान नहीं है। यह सुनकर मुझे बड़ा दुख हुआ कि आज भी हमारे भारत में ऐसे गांव हैं, जहां पर जरूरी आवश्यक सुविधाएं तक नहीं पहुंच पाई हैं।
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