16/आरोह
वंशीधर की आँखें डबडबा आईं। हृदय के संकुचित पात्र में इतना एहसान न
समा सका। एक बार फिर पंडितजी की ओर भक्ति और श्रद्धा की दृष्टि से देखा
और काँपते हुए हाथ से मैनेजरी के कागज़ पर हस्ताक्षर कर दिए।
अलोपीदीन ने प्रफुल्लित होकर उन्हें गले लगा लिया।
अभ्यास
पाठ के साथ
1. कहानी का कौन-सा पात्र आपको सर्वाधिक प्रभावित करता है और क्यों?
2 नमक का दारोगा' कहानी में पंडित अलोपीदीन के व्यक्तित्व के कौन से दो पहलू (पक्ष
उभरकर आते हैं?
कहानी के लगभग सभी पात्र समाज की किसी-न-किसी सच्चाई को उजागर करते है
3.
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i don't know if today at 1pm is a bad thing required to be a part
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answer is that I don't know
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