16. आशय स्पष्ट कीजिए
रस उँडेलकर गा लेती है
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कवि का यह आषय है कि चिड़िया जब जुंड़ी के दानों का रस पीकर प्रसन्न होती है तो ऐसा लगता है कि वह उस रस को पीकर खुषी से झूम रही है गा रही है ।
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इस पंक्ति का आशय यह है कि चिड़िया खुश होकर गाने लगती है। उसके गाने में माधुर्य है। ऐसा लगता है जैसे उसने जैसे वातावरण में रस उंडेल कर उसे रसमय कर दिया है।
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