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खण्ड-1
1. निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर कोई पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये-
'संस्कृति' शब्द का सम्बन्ध संस्कार से हैं, जिसका अर्थ है-संशोधन करना, उत्तम बनाना, परिष्कार करना।
अंक-5
संस्कार व्यक्ति के भी होते हैं और जाति के भी। जातीय संस्कारों को ही संस्कृति कहते हैं। संस्कृति एक
समूह-वाचक शब्द हैं। जलवायु के अनुकूल रहन-सहन की विधियाँ और विचार-परम्पराएँ जाति के लोगों
में
दृढ़ मूल हो जाने से जाति के संस्कार बन जाते हैं। इनको प्रत्येक व्यक्ति अपनी निजी प्रकृति के अनुकूल
न्यूनाधिक मात्रा में पैतृक सम्पति के रूप में प्राप्त करता है। ये संस्कार व्यक्ति के घरेलू जीवन तथा सामाजिक
जीवन में परिलक्षित होते हैं। मनुष्य अकेला रहकर भी इनसे छुटकारा नहीं पा सकता। ये संस्कार दूसरे देश में
निवास करने अथवा दूसरे देशवासियों के सम्पर्क में जाने से कुछ परिवर्तित भी हो सकते हैं और कभी-कभी
दब भी जाते हैं, किन्तु अनुकूल विवरण प्राप्त करने पर फिर उभर आते हैं।
संस्कृति का बाह्य पक्ष भी होता है और आन्तरिक भी। उसका बाह्य पक्ष आन्तरिक प्रतिबिम्ब नहीं तो उससे
सम्बन्धित अवश्य रहता है। हमारे बाह्य आचार हमारे विचारों और मनोवृत्तियों के परिचायक होते हैं। संस्कृति
एक देश-विशेष की उपज होती है, इसका सम्बन्ध देश के भौतिक वातावरण और उसमें पालित, पौषित एवं
परिवर्द्धित विचारों से होता है। इसी कारण संस्कृति को जन का मस्तिष्क, राष्ट्र का तीसरा अंग और देश का
श्वास-प्रश्वास माना जाता है। संस्कृति में ही जीवन का सौन्दर्य एवं यश अन्तर्निहित हैं।
(1) 'संस्कार' शब्द का अर्थ क्या है?
(2) संस्कृति किसे कहते हैं?
(3) व्यक्ति के संस्कार कहाँ परिलक्षित होते हैं ?
(4) संस्कृति के कितने पक्ष बताए गए हैं?
5क्षा-9
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हिन्दी कक्षा-9
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1. संशोधन करना,उत्तम बनाना, परिष्कार करना |
2. जातीय संस्कारों को ही संस्कृति कहते हैं |
3. ये संस्कार व्यक्ति के घरेलू जीवन तथा सामाजिक जीवन में परिलक्षित होते हैं |
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Explanation:
संस्कृति के कितने पक्ष बताए गए हैं
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