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M.M.-10
ऐसे बेहाल बिवाइन सों, पग कंटक जाल लगे पुनि जीए।
हाय! महादुख पायो सखा, तुम आए इतै न कितै दिन खोए।।
देखि सुदामा की दीन दसा, करुना करिकै करुनानिधि रोए।
पानी परात को हाथ छुयो नहि, नैनन के जल सों पग धोए।।
कछु भाभी
हमको दियो सो तुम काहे न
न देत।
पोटरी काँख में रहेकहो केहि
चाँपि
हेतु।।
आगे चना गुरुमातु दए ते. लए तुम चाबि हमें नहिं दीने।
स्याम कह्यो मुसकाय सुदामा साँ, “चोरी की बान में हौ जू प्रवीने।।
पोटरि काँख में चाँपि रहे तुम, खोलत नाहिं सुधा रस भीने।
पाछिलि बानि अजौ न तजो तुम, तैसई भाभी के तंदुले कीन्हे।।"
प्रस्तुत पद्यांश को पढ़कर निम्न प्रश्नों के उत्तर दो
1.प्रस्तुत पंक्तियां कौन किससे कह रहा है ?
2. सुदामा की स्थिति कैसी थी ?
मानेने सताने के लिए क्या दिया था?
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Answer:
16
M.M.-10
ऐसे बेहाल बिवाइन सों, पग कंटक जाल लगे पुनि जीए।
हाय! महादुख पायो सखा, तुम आए इतै न कितै दिन खोए।।
देखि सुदामा की दीन दसा, करुना करिकै करुनानिधि रोए।
पानी परात को हाथ छुयो नहि, नैनन के जल सों पग धोए।।
कछु भाभी
हमको दियो सो तुम काहे न
न देत।
पोटरी काँख में रहेकहो केहि
चाँपि
हेतु।।
आगे चना गुरुमातु दए ते. लए तुम चाबि हमें नहिं दीने।
स्याम कह्यो मुसकाय सुदामा साँ, “चोरी की बान में हौ जू प्रवीने।।
पोटरि काँख में चाँपि रहे तुम, खोलत नाहिं सुधा रस भीने।
पाछिलि बानि अजौ न तजो तुम, तैसई भाभी के तंदुले कीन्हे।।"
प्रस्तुत पद्यांश को पढ़कर निम्न प्रश्नों के उत्तर दो
1.प्रस्तुत पंक्तियां कौन किससे कह रहा है ?
उत्तर - प्रस्तुत पंक्तियां में सुदामा भगवान कृष्ण
से कह रहा है ।
2. सुदामा की स्थिति कैसी थी ?
उत्तर - सुदामा के सिर पर न तो पगड़ी है और ना ही जिसके पाँव में जूते हैं, उसने फटी सी धोती पहनी है और बड़ा ही दुर्बल लगते हैं ।