16. मानव पूंजी में निवेश आर्थिक समृद्धि में किस प्रकार सहायक होती है? अथवा
किसी व्यक्ति के लिए कार्य के दौरान प्रशिक्षण क्यों आवश्यक होता है?
Answers
Answer:
Explanation:
प्रश्न 1.
किसी देश में मानवीय पूँजी के दो प्रमुख स्रोत क्या होते हैं?
उत्तर
एक देश में मानव पूँजी निर्माण के दो प्रमुख स्रोत निम्नलिखित हैं
1. शिक्षा में निवेश,
2. कार्य के दौरान प्रशिक्षण।
प्रश्न 2.
किसी देश की शैक्षिक उपलब्धियों के दो सूचक क्या होंगे?
उत्तर
सामान्यतः शिक्षा से अभिप्राय लोगों के पढ़ने-लिखने तथा समझने की योग्यता से है। यह उच्च आय अर्जित करने का साधन माना जाता है। शिक्षा के दो सूचक इस प्रकार हैं
1. इससे लोगों के मानसिक स्तर का विकास होता है।
2. विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी का विकास होता है।
प्रश्न 3.
भारत में शैक्षिक उपलब्धियों में क्षेत्रीय विषमताएँ क्यों दिखाई दे रही हैं?
उत्तर
भारत जैसे विकासशील देश में जहाँ जनसंख्या का एक विशाल वर्ग निर्धनता रेखा से नीचे जीवन बिता रहा है, वे लोग बुनियादी शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं पर पर्याप्त व्यय नहीं कर सकते। अधिकांश जनता, उच्च शिक्षा का भार वहन नहीं कर पाती। जब बुनियादी शिक्षा को नागरिकों को अधिकार मान लिया जाता है, तो यह अनिवार्य हो जाता है कि सभी नागरिकों को सरकार ये सुविधाएँ नि:शुल्क प्रदान करे। आर्थिक विषमर्ताओं के साथ-साथ शैक्षिक उपलब्धियों के क्षेत्र में भी व्यापक असमानताएँ देखने को मिलती हैं; उदाहरण के लिए साक्षरता दर जहाँ हिमाचल प्रदेश में 83.78%, मिजोरम में 91.58%, केरल में 93.91% और दिल्ली में 86.34% है, वहीं आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में 67.66%, झारखण्ड में 67.63%, जम्मू-कश्मीर में 68.74% और तमिलनाडु में 80.33% है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी व्यापक विषमताएँ विद्यमान हैं।
प्रश्न 4.
मानव पूँजी निर्माण और मानव विकास के भेद को स्पष्ट करें।
उत्तर
मानव पूँजी निर्माण एवं मानव विकास में भेद इस प्रकार है-मानव पूँजी की अवधारणा शिक्षा और स्वास्थ्य को श्रम की उत्पादकता बढ़ाने का माध्यम मानती है। मानव पूंजी का विचार मानव को किसी साध्य की प्राप्ति का साधन मानता है। यह साध्य उत्पादन में वृद्धि का है। इस मतानुसार शिक्षा और स्वास्थ्य पर किया गया निवेश अनुत्पादक है, अगर उसमें वस्तुओं और सेवाओं के निर्गत में वृद्धि न हो। दूसरी ओर मानव विकास के परिप्रेक्ष्य में मानव स्वयं साध्य भी है। भले ही शिक्षा, स्वास्थ्य आदि पर निवेश से श्रम की उच्च उत्पादकता में सुधार न हो किंतु इनके माध्यम से मानव कल्याण का संवर्द्धन तो होना ही चाहिए।
प्रश्न 5.
मानव पूँजी की तुलना में मानव विकास किस प्रकार से अधिक व्यापक है?
उत्तर
मानव पूंजी का विचार मानव को किसी साध्य की प्राप्ति का साधन मानता है। यह साध्य उत्पादकता में वृद्धि का है। इस मतानुसार शिक्षा और निवेश पर किया गया निवेश अनुत्पादक है, अगर उसमें वस्तुओं और सेवाओं के निर्गत में वृद्धि न हो। मानव विकास का संबंध इस बात से है कि स्वास्थ्य एवं शिक्षा मानव भलाई का अंग है। मानव विकास वह अवसर प्रदान करता है जिससे वे उपयोगिता प्राप्त करने में चयन कर सकें। मानव विकास के परिप्रेक्ष्य में मानव स्वयं साध्य भी है। भले ही शिक्षा, स्वास्थ्य आदि पर निवेश से श्रम की उच्च उत्पादकता में सुधार न हो किंतु इनके माध्यम से मानव कल्याण का संवर्द्धन तो होना ही चाहिए। प्राथमिक शिक्षा और स्वास्थ्य उसके लिए आवश्यक हैं। संक्षेप में मानव पूंजी की अवधारणा का संबंध मानव की उत्पादकता से है जबकि मानव विकास की अवधारणा का संबंध मानव कल्याण से है। दोनों अवधारणाओं में शिक्षा एवं स्वास्थ्य प्रमुख स्रोत हैं। लेकिन निवेश का लक्ष्य अलग-अलग है। मानव विकास से मानवीय उत्पादकता में स्वतः वृद्धि हो । जाएगी। अत: मानव विकास, मानन पूँजी की तुलना में अधिक व्यापक है।
प्रश्न 6.
मानव पूंजी के निर्माण में किन कारकों का योगदान रहता है?
उत्तर
मानव पूँजी के निर्माण में निम्नलिखित कारकों का योगदान रहता है
शिक्षा,
स्वास्थ्य,
प्रशिक्षण,
संचार तथा
प्रवास।
प्रश्न 7.
शिक्षा एवं स्वास्थ्य को नियंत्रित करने वाले दो-दो सरकारी संगठनों के नाम बताइए।
उत्तर
शिक्षा
1. राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्।
2. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग।
स्वास्थ्य
1. स्वास्थ्य मंत्रालय।
2. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद्।